Friday, 12 September 2014

Flintoff reveals the late night story during Ashes 2007

वेस्टइंडीज में हुए 2007 विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के पूर्व महान ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ अपनी एक लापरवाही की वजह से इस कदर विवादों में आए थे कि उन्हें ना सिर्फ एक मैच का बैन झेलना पड़ा बल्कि गैरमौजूदगी से उनकी टीम ने भी इसका खामियाजा भुगता, इसके अलावा पूरी दुनिया में उनको लेकर जो आलोचनाएं हुईं वो अलग। सब कुछ बीत गया लेकिन कभी पुख्ता तौर पर किसी को ये नहीं पता लग सका कि आखिर 'उस रात' की असल कहानी थी क्या, खैर, आखिर अब फ्लिंटॉफ ने खुद उस मामले से पर्दा उठा दिया है। आइए जानते हैं कि क्या थी वो अनसुनी कहानी।

- क्या हुआ था 'उस रात':

फ्लिंटॉफ ने उस विवाद पर से पूरी तरह से पर्दा उठाते हुए बताया है कि वो और उनके साथी समुद्र किनारे समय बिताने गए थे। रात हो चुकी थी और सभी दोस्त वापस लौट भी चुके थे। फ्लिंटॉफ ने इतनी शराब पी ली थी कि वो बिल्कुल भी होश में नहीं थे। उस रात फ्लिंटॉफ ने इस चीज की जिद्द लगा रखी थी कि उन्हें इंग्लैंड के पूर्व महान ऑलराउंडर इयन बॉथम के साथ रात में एक ड्रिंक पीनी है। ऐसे में जब वो 'बीच' पर उठे तो उन्हें सामने कुछ नाव नजर आईं, फ्लिंटॉफ को लगा कि उन्हीं में से किसी नाव पर बॉथम भी बैठे हैं और वो उनके साथ एक ड्रिंक लेने जरूर जाएंगे।

- फिर कर डाली ये अजीबोगरीब हरकतः

इसके बाद अपनी इस जिद्द को अंजाम देने के लिए नशे में झूमते फ्लिंटॉफ को वहां तक पहुंचने के लिए अच्छी नाव आसपास नजर नहीं आई तो वो एक 'पैडल बोट' (पैरों से चलने वाली नाव) खींचकर ले आए। फ्लिंटॉफ ये तो सोच रहे थे कि उन्हें तैरना नहीं आता इसलिए नाव की जरूरत पड़ेगी लेकिन उन्होंने ये नहीं सोचा कि नशे में नाव चलाना उससे भी घातक हो सकता है। फिर क्या था, वो इस बोट पर सवार हुए और चल पड़े अनदेखी मंजिल की ओर। इसके बाद ना नशे में वो नाव चला सके और ना रात की लहरों से बोट का संतुलन बना रह पाया। गनीमत थी कि वहां कुछ सहायता के बाद वो बच गए वरना उनका डूबना व एक भयानक घटना का होना तय था।

- ....और सुबह जब आंख खुली:

फ्लिंटॉफ कहते हैं, 'अगली सुबह मेरी आंख खुली थी तो मैं अपने बिस्तर पर था। अभी भी मैं गीला था और रेत मेरे पांव में लगी हुई थी। फिर दरवाजे पर दस्तक हुई। मुझे लगा वो सफाई वाला कोई होगा जो कि कमरे की सफाई के लिए आया होगा इसलिए मैंने कहा क्या तुम बाद में वापस आ सकते हो? लेकिन असल में वो टीम के कोच (डंकन फ्लेचर) थे। डंकन ने बस इतना कहा, 'तुरंत, मेरे कमरे में आओ'।' उसके बाद फ्लिंटॉफ पर एक मैच का प्रतिबंध भी लगा और उनकी उप-कप्तानी भी छीन ली गई। हालांकि 2005 के इस एशेज हीरो ने 2009 एशेज में फिर जलवा दिखाया और अपने उस कलंक को काफी हद तक धोने में सफलता भी हासिल की और सम्मान के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास भी लिया। आजकल वो अलग-अलग भूमिकाओं में टीवी के तमाम रिएलिटी शो में नजर आते रहते हैं। मई में उन्होंने रिटायरमेंट तोड़ते हुए लैंकशर के लिए एक टी20 मैच भी खेला था।

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