जिहादियों के हाथों मारे गए ब्रिटिश नागरिक डेविस हेंस के भाई माइक ने कहा है कि उनके भाई की हत्या के लिए इस्लाम नहीं चरमपंथ जिम्मेदार है। हेंस से पहले इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया [आइएस] दो अमेरिकी पत्रकारों के भी सिर कलम कर वीडियो जारी कर चुका है।
मकसद था प्यार फैलाना
एक साक्षात्कार में हेंस ने कहा, 'मेरे भाई की मौत पर मेरी पहली प्रतिक्रिया नफरत भरी हो सकती थी। लेकिन मेरे भाई के जीवन का मकसद लोगों के बीच नफरत नहीं प्यार फैलाना था। धर्म को लेकर कंट्टरता दुनिया के हर इंसान की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है। आजकल जिंदगी के हर पहलू में कंट्टरता ने अपनी जगह बना ली है।' उन्होंने कहा, आइएस की क्रूरता के लिए मुस्लिम धर्म को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और न ही यह मध्य पूर्वी मूल के लोगों की गलती है। दो बच्चों के पिता और सहायता मिशन में काम कर रहे हेंस [44] का अपहरण 2013 में सीरिया से किया गया था।
धर्म या राजनीति का मुद्दा नहीं
माइक हैंस ने कहा, यह कोई नस्ल, धर्म या राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह मानवीय मुद्दा है। मुझे कुरान की बहुत सी ऐसी आयतें पता है जो आज के युग पर सटीक बैठती हैं। जिनमें कहा गया है कि अच्छाई की मदद से बुराई को पीछे धकेलना चाहिए।
आइएस में कई देशों के युवा
आइएस में दुनियाभर के कई देशों के युवा हैं। ऐसे युवा इससे जुड़ रहे हैं, जो आमतौर पर समाज द्वारा नजरअंदाज किए गए हैं। आइएस अपने लड़ाकों को आकर्षक धन देने का भी प्रलोभन देता है। यूरोप, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, आस्ट्रेलिया महाद्वीप के कई देशों के युवा इस आतंकी संगठन में शामिल हैं।
मकसद था प्यार फैलाना
एक साक्षात्कार में हेंस ने कहा, 'मेरे भाई की मौत पर मेरी पहली प्रतिक्रिया नफरत भरी हो सकती थी। लेकिन मेरे भाई के जीवन का मकसद लोगों के बीच नफरत नहीं प्यार फैलाना था। धर्म को लेकर कंट्टरता दुनिया के हर इंसान की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है। आजकल जिंदगी के हर पहलू में कंट्टरता ने अपनी जगह बना ली है।' उन्होंने कहा, आइएस की क्रूरता के लिए मुस्लिम धर्म को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और न ही यह मध्य पूर्वी मूल के लोगों की गलती है। दो बच्चों के पिता और सहायता मिशन में काम कर रहे हेंस [44] का अपहरण 2013 में सीरिया से किया गया था।
धर्म या राजनीति का मुद्दा नहीं
माइक हैंस ने कहा, यह कोई नस्ल, धर्म या राजनीति का मुद्दा नहीं है। यह मानवीय मुद्दा है। मुझे कुरान की बहुत सी ऐसी आयतें पता है जो आज के युग पर सटीक बैठती हैं। जिनमें कहा गया है कि अच्छाई की मदद से बुराई को पीछे धकेलना चाहिए।
आइएस में कई देशों के युवा
आइएस में दुनियाभर के कई देशों के युवा हैं। ऐसे युवा इससे जुड़ रहे हैं, जो आमतौर पर समाज द्वारा नजरअंदाज किए गए हैं। आइएस अपने लड़ाकों को आकर्षक धन देने का भी प्रलोभन देता है। यूरोप, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, आस्ट्रेलिया महाद्वीप के कई देशों के युवा इस आतंकी संगठन में शामिल हैं।
Source: News in Hindi and Newspaper
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