बहुचर्चित निठारी कांड में अभियुक्त सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पहली बार उसकी मां कांती कोली उससे मिलने बुधवार रात मेरठ रवाना हो गई है। सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा होने के बाद घर में गरीबी और बेबसी की जिदंगी जी रही मां कांती कोली अपने बेटे से मिलने की इच्छा तो जता रही थी, लेकिन शरीर कमजोर होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। कुछ सामाजिक संगठनों ने मां-बेटे की मुलाकात के लिए पहल भी की, परंतु कांती मेरठ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। बुधवार को नैंकड़ा के जिला पंचायत सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता नारायण सिंह रावत देर सायं कांती के घर पहुंचे और उनसे लगभग दो घंटे बातचीत की।
नारायण से बात करने के बाद कांती मेरठ जाकर अपने बेटे से मुलाकात के लिए तैयार हो गई। नारायण सिंह रावत ने कहा है कि वह मेरठ जाकर वहां के जेल अधीक्षक से वार्ता करेंगे और मां को बेटे से मिलाने का प्रयास करेंगे। रावत स्वयं अपने वाहन में कांती को लेकर मेरठ रवाना हुए हैं। कांती को रास्ते में कोई दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने कुछ दवाएं और आवश्यक सामान भी साथ में रखा है।
मेरठ रवाना होने से पहले कांती ने कहा कि उसने अपने परिवार की परवरिश गरीबी में जरूर की है। लेकिन अपने बच्चों को ऐसे संस्कार नहीं दिए कि वह किसी की जान लेने पर उतारू हो जाएं। कांती ने कहा कि वह एक बार सुरेंद्र के मुंह से सब कुछ सच-सच जानना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अगर सुरेंद्र ने मां के सिर पर हाथ रख कर अपने गुनाह कबूल लिए, तो उन्हें सुरेंद्र को फांसी होने का कोई मलाल बाकी नहीं रहेगा।
नारायण से बात करने के बाद कांती मेरठ जाकर अपने बेटे से मुलाकात के लिए तैयार हो गई। नारायण सिंह रावत ने कहा है कि वह मेरठ जाकर वहां के जेल अधीक्षक से वार्ता करेंगे और मां को बेटे से मिलाने का प्रयास करेंगे। रावत स्वयं अपने वाहन में कांती को लेकर मेरठ रवाना हुए हैं। कांती को रास्ते में कोई दिक्कत न हो इसके लिए उन्होंने कुछ दवाएं और आवश्यक सामान भी साथ में रखा है।
मेरठ रवाना होने से पहले कांती ने कहा कि उसने अपने परिवार की परवरिश गरीबी में जरूर की है। लेकिन अपने बच्चों को ऐसे संस्कार नहीं दिए कि वह किसी की जान लेने पर उतारू हो जाएं। कांती ने कहा कि वह एक बार सुरेंद्र के मुंह से सब कुछ सच-सच जानना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अगर सुरेंद्र ने मां के सिर पर हाथ रख कर अपने गुनाह कबूल लिए, तो उन्हें सुरेंद्र को फांसी होने का कोई मलाल बाकी नहीं रहेगा।
Source: News in Hindi and Newspaper

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