Monday, 8 September 2014

Massive rescue operations on, lakhs still stranded in Jammu Kashmir

जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ से मची तबाही के बीच एनडीआरएफ और सेना ने मिलकर अब तक करीब 23 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। हालांकि लाखों लोगों को अब भी यहां मदद का इंतजार है। वहीं मौसम विभाग ने वादी में अगले तीन दिन तक बारिश न होने की बात कहकर सेना का हौसला बढ़ा दिया है।

इस बीच नेवी के मरीन कमांडो ने भी राज्य में मोर्चा संभाल लिया है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के हालात पर मंगलवार को कैबिनेट सचिव ने एक बैठक बुलाई है जो राहत कार्यो और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करेगी।

वायु सेना के हेलीकॉप्टर और विमानों से दिन रात एक कर बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में सेना लगी हुई है। राहत में जुटी सेना का ध्यान आज दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर पर टिका है। यहां पर बाढ़ में फंसे करीब चार लाख लोगों को अब भी राहत का इंतजार है। सेना और एनडीआरएफ की दो टीमों को पंछेरी और उधमपुर में एयरड्रॉप किया गया है। यहां पर भूस्खलन होने की वजह से करीब तीस लोगों के लापता होने की खबर है।

श्रीनगर में सेना के आइएल 76 और एएन 32 विमानों से पूरी रात लोगों को यहां से निकालने का सिलसिला जारी रहा। सेना के हेलीकॉप्टरों और विमानों द्वारा इन सभी जगहों पर भारी मात्रा में दवाईयां, कंबल और खाने की सामग्री पहुंचाई जा रही है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में साठ वर्षो में आई इस भीषण त्रासदी का मंजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपनी आंखों से देखा था। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद का भरोसा देते हुए अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये की तत्काल सहायता राशि भी उपलब्ध कराई थी। इसके लिए कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह और गुलाम नबी आजाद उनकी जमकर तारीफ भी की है।

सेनाध्यक्ष ने भी साफ कर दिया है कि जब तक सेना के जवान आपदा में फंसे आखिरी व्यक्ति को सुरक्षित नहीं निकाल लेती है तब तक वे बैरक में वापस नहीं लौटेंगे। सेना के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित जम्मू कश्मीर हाईवे को खोलने में अभी चार-पांच दिन और लगेंगे।

इस बीच खराब मौसम के चलते वैष्णो देवी की यात्रा को एक बार फिर से रोक दिया गया है। सोमवार सुबह भवन की ओर रवाना किए गए 25 हजार श्रद्धालुओं में से पांच हजार को पहले पड़ाव दर्शनी ड्योढ़ी से लौटा दिया गया, जबकि आगे बढ़ चुके करीब 20 हजार यात्रियों को चरण पादुका, अ‌र्द्धकुंवारी, सांझीछत सहित अन्य स्थानों पर रोक दिया गया है। रोके जाने से पूर्व जो श्रद्धालु आगे बढ़ गए थे उन्होंने दर्शन किए।

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