Tuesday, 9 September 2014

Nitish kumar gets clean chit in Medicine scam

सूबे की सियासत को गर्माने वाले दवा घोटाले में नया मोड़ आ गया है। सीएम जीतन राम मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की एजेंसी ही इसकी जांच करने में सक्षम है। किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा। नीतीश पर जांच की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को गलत आरोप लगाने की आदत है। हम खुद इसकी जांच कर लेंगे।

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा दवा एवं उपकरण की खरीद में अनियमितता रोकने के उद्देश्य के तहत 25 जुलाई 2010 को बिहार मेडिकल सर्विसेस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर निगम लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) का गठन किया गया। लेकिन, निगम अपने उद्देश्य से भटक गया और दवा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए एनपीपीए दर से अधिक कीमत पर दवा की खरीद की गई। 300 फीसद से भी अधिक भुगतान कर दिया गया। कंपनियों को लाभ पहुंचाने के दौरान अधिकारियों ने न्यूनतम जांच करने की जरूरत नहीं समझी और ब्लैकलिस्टेड कंपनियां से दवा खरीद ली गयी। निगम द्वारा दवा खरीद में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया जाता रहा मगर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे रहे।

इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए थे।

स्वास्थ्य मंत्री के बयान से कांग्रेस खफा

दवा घोटाले पर स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह के बयान से कांग्रेस खफा हो गई है। रामधनी सिंह ने दवा घोटाले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद का नाम ले लिया था। इस बयान पर कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि रामधनी सिंह ने गलत बयान दिया है। शकील अहमद स्वास्थ्य मंत्री नहीं बल्कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे उन्हें अपने बयान पर खेद जताना चाहिए। 

No comments:

Post a Comment