Wednesday, 10 September 2014

Inspector sovereignty will end in Industrial unit

औद्योगिक इकाइंयों को इंस्पेक्टर राज से निजात दिलाने के लिए श्रम मंत्रालय श्रमायुक्त संगठन, इएसआइ, ईपीएफ और खान सुरक्षा महानिदेशालय को मिलाकर एकीकृत पोर्टल लांच करने जा रहा है। इसमें इकाइयों के पंजीयन और निरीक्षण के अलावा शिकायतें दर्ज कराने व उनका समाधान प्राप्त करने की ऑनलाइन व्यवस्था होगी।

केंद्रीय श्रममंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार के सौ दिन पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी चार केंद्रीय एजेंसियों द्वारा औद्योगिक यूनिटों के सालाना पौने दो लाख निरीक्षण किए जाते हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें इसी को लेकर हैं, क्योंकि ये निरीक्षण मनमाने होते हैं। इनका कोई मापदंड नहीं होता। पोर्टल इस मनमर्जी को खत्म करेगा। इसमें निरीक्षण का ब्योरा दर्ज होगा और 72-120 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट दाखिल करनी जरूरी होगी। इसमें पंजीकरण कराने वाली 6-7 लाख इकाइयों में प्रत्येक को विशिष्ट एलआइएन नंबर प्रदान किया जाएगा। इससे मंत्रालय को पूरे देश में श्रम मामलों के पैटर्न व समस्या का पता चलेगा और वह निवारण के उपाय कर सकेगा।

श्रम मंत्री के अनुसार सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के योगदान के लिए वेतन सीमा को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया है। इससे 50 लाख और कामगारों के ईपीएफ के दायरे में आने की संभावना है। कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि एक हजार रुपये किए जाने से 28 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। यूनिक अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ ईपीएफ ग्राहकों को बैंक खातों तथा 'आधार' के साथ संबद्ध कर ऑनलाइन किया गया है। इससे कर्मचारी ईपीएफ के मामले में सेवायोजक पर निर्भर नहीं रहेंगे। नौकरी बदलने पर भी उनका ईपीएफ न केवल सुरक्षित रहेगा, बल्कि नए सेवायोजक के साथ संबद्ध हो जाएगा। ईएसआइ (कर्मचारी राज्य बीमा) अस्पतालों में चिकित्सा खर्च सीमा को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये तथा बीमा डॉक्टर के भुगतान को 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है। इससे अच्छे डॉक्टर ईएसआइ मरीजों को सेवाएं देने लगे हैं।

No comments:

Post a Comment