एजबेस्टन के मैदान पर टीम इंडिया अपने इंग्लैंड दौरे के आखिरी मुकाबले के लिए उतरी थी। टेस्ट में हार और वनडे सीरीज में जीत के बाद उम्मीद थी कि टीम इंडिया दौरे का अंत करने वाले एकमात्र टी20 मैच में जीत हासिल करके विजयी समापन करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और टीम इंडिया महज 3 रन से चूक गई। एक समय भारतीय टीम लक्ष्य (181) के करीब तेजी से बढ़ती नजर आ रही थी लेकिन अचानक मैच यूं पलटा कि भारतीय फैंस को भी अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। विराट कोहली (66), शिखर धवन (33) और सुरेश रैना (25) कुछ तेज पारियां खेल चुके थे लेकिन अंतिम ओवर में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का अति-आत्मविश्वास टीम को ले डूबा। क्या हुआ इस ओवर में जिसने धौनी पर सवालों की बौछार लगा दी है, आइए जानते हैं....
- क्या हुआ उस ओवर में?:
अंतिम ओवर में भारत को 17 रन चाहिए थे, पिच पर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और अंबाती रायुडू मौजूद थे। दोनों ही बेहतरीन बल्लेबाज थे लेकिन शायद धौनी को ऐसा नहीं लगता था। ओवर की पहली ही गेंद पर धौनी ने छक्का जड़ा तो मैदान झूम उठा, इसके बाद दूसरी गेंद पर वो धीमी गेंद को ठीक से नहीं पढ़ सके और दो रन से ही संतोष करना पड़ा। अब चार गेंदों में महज 8 रन चाहिए थे लेकिन धौनी ने कुछ ऐसा किया जिसको देखकर फैंस खीझ से भर गए। तीसरी गेंद पर एक और धीमी गेंद पर धौनी शॉट खेलने से चूके लेकिन रन की गुजाइश होने के बावजूद उन्होंने रायुडू को वापस भेज दिया। अब तीन गेंदों में बराबरी के लिए 8 रन चाहिए थे जबकि जीत के लिए 9 रन। चौथी गेंद पर धौनी ने मिड ऑफ पर एक चौका जड़ा। एक बार फिर उम्मीद जग गई। अब जीत के लिए महज 5 रन चाहिए थे और बराबरी के लिए चार रन। पांचवीं गेंद पर सब तक चौंक गए जब धौनी ने गुंजाइश के बावजूद रन लेने से मना कर दिया और सारी जिम्मेदारी खुद उठाने का फैसला लिया। अब अंतिम गेंद पर फिल्मी कहानी की तरह एक छक्के की जरूरत थी लेकिन धौनी शायद ये भूल गए थे कि हर बार ऐसा नहीं होता। क्रिस वोक्स ने एक छोटी गेंद की और धौनी उस पर महज एक रन ही ले सके। नतीजतन भारत 3 रन से हार गया।
- क्या अपने खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं?:
पिच पर धौनी के साथ अंतिम ओवर में अंबाती रायुडू मौजूद थे। जी हां, वही अंबाती रायुडू जिन्हें वनडे सीरीज के सिर्फ अंतिम 3 मैचों में खिलाया गया लेकिन आपको बता दें कि इन तीन मैचों में रायुडू को सिर्फ दो बार बल्लेबाजी करने का मौका मिला और दोनों ही मौकों पर उन्होंने शानदार अर्धशतक जड़े। तीसरे वनडे में उन्होंने नाबाद 64 रन की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई थी जबकि अंतिम वनडे में उन्होंने 53 रनों की पारी खेली थी। इसके बावजूद धौनी ने टी20 के अंतिम ओवर में रायुडू पर भरोसा नहीं किया और उन्हें स्ट्राइक पर लाने से इन्कार कर दिया। अब ये सवाल लंबे समय तक धौनी को हैरान करता रहेगा कि क्या धौनी को अपने खिलाड़ियों पर जरा भी भरोसा नहीं रहा।
Source: News in Hindi and Newspaper
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