दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं। इस दौरान कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जो आने वाले दिनों देश की तस्वीर बदलकर रख देगा। आइए जानते हैं वो कौन से ऐसे फैसले हैं जिनका दूरगामी असर होगा।
1. काले धन पर एसआइटी
एनडीए सरकार बनने के साथ ही मोदी ने विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए एसआइटी के गठन का फैसला लिया। हालांकि कोर्ट ने इसके लिए पिछली सरकार को ही आदेश दिया था लेकिन इस पर फैसला टलता रहा और आखिरकार सत्ता संभालने के बाद ही मोदी ने इसकी मंजूरी दे दी।
2. नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए मौजूदा कोलिजियम व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। इसमें जजों का एक पैनल होगा, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश, सरकार के नुमाइंदे और जाने-माने नागरिक होंगे। कोलिजियम व्यवस्था के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में धांधली के आरोप लगते रहे हैं।
3. योजना आयोग भंग करने का फैसला
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में 64 साल पुराने योजना आयोग को खत्म कर उसकी जगह नई व्यवस्था लाने का ऐलान किया। इसके लिए लोगों से ऑनलाइन सुझाव मांगे। मोदी का तर्क यह है कि योजना आयोग राज्यों के साथ न्याय नहीं कर पा रहा है।
4. महंगाई पर रोक के लिए कदम
महंगाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जरूरी खाद्य उत्पादों के लिए राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाने ऐलान किया है ताकि महंगाई को लेकर अनियंत्रित अटकलों को बढ़ने से रोका जा सके।
5. गंगा सफाई अभियान
गंगा सफाई को राष्ट्रीय मिशन का बनाने का मोदी ने केवल ऐलान किया बल्कि इसके लिए बजट भी आवंटित कर दिए हैं। अगले कुछ महीनों में इस पर काम शुरू हो जाएगा।
6. निर्मल भारत अभियान का ऐलान
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में दो अक्टूबर से निर्मल भारत अभियान के शुरुआत की घोषणा की। इस अभियान के तहत लोगों को शौचालय के प्रयोग और खुले में शौच से होने वाले नुकसान के साथ ही सफाई से होने वाले फायदों के प्रति प्रेरित किया जाएगा।
7. जन धन योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने महात्वाकांक्षी जन धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े जिन परिवारों के पास बैंक खाता नहीं है उनके बैंक खाते खोले जा रहे हैं। प्रत्येक परिवार में दो बैंक खातों के साथ कुल 15 करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को एक लाख रुपये की दुर्घटना बीमा मिलेगी और आधार कार्ड से खुले खातों में छह महीने बाद ग्राहक आवेदन देने पर जमा राशि से पांच हजार रुपये की अधिक राशि निकाल सकेगा।
8. पर्यावरण की मंजूरी को ऑनलाइन सेवा
मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है ताकि मंत्रालयों के बीच आपसी लड़ाई खत्म हो और लोगों को इधर-उधर भटकना न पड़े। यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंजूरी को लेकर कई तरह की बातें सामने आई थीं।
9. अफसरशाही पर नकेल
शपथ ग्रहण करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नौकरशाहों को साफ संदेश दे दिया था कि अब किसी भी कीमत पर अफसरशाही नहीं चलने वाली है। उन्होंने पीएमओ के अधिकारियों को समय पर कार्यालय आने, दफ्तर में साफ-सफाई आदि का पाठ पढ़ाया। अब मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाह सीधे प्रधानमंत्री से निर्देश लेते हैं। मोदी ना सिर्फ मंत्रियों से बल्कि वरिष्ठ अफसरों से भी नियमित सीधे बात करते हैं।
10. विदेश नीति
मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रण भेजकर संदेह दे दिया कि वह किस तरह के विदेश नीति के हिमायती हैं। उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान को दोस्ती का संदेश देने की कोशिश की। फिर उन्होंने पहले विदेश दौरे के लिए भूटान जैसे छोटे देश को चुना और वहां से वह नेपाल गए। मोदी का नेपाल दौरा ऐतिहासिक रहा। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल बाद द्विपक्षीय बातचीत के लिए नेपाल पहुंचा था।
प्रधानमंत्री मोदी का ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राजील जाना और सौ अरब डॉलर के ब्रिक्स बैंक की स्थापना का फैसला भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उधर, चीन भी नई सरकार से रिश्ते बनाने को उत्सुक है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन ने अपने विदेशमंत्री को विशेष दूत बतौर भारत भेजा। चीन के राष्ट्रपति भी सितंबर में भारत का दौरा करेंगे। अभी मोदी जापान के दौरे पर गए हैं जहां उन्होंने दोनों देशों की दोस्ती को नई ऊंचाई देने के लिए कई करारों में पर हस्ताक्षर किए।
1. काले धन पर एसआइटी
एनडीए सरकार बनने के साथ ही मोदी ने विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए एसआइटी के गठन का फैसला लिया। हालांकि कोर्ट ने इसके लिए पिछली सरकार को ही आदेश दिया था लेकिन इस पर फैसला टलता रहा और आखिरकार सत्ता संभालने के बाद ही मोदी ने इसकी मंजूरी दे दी।
2. नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए मौजूदा कोलिजियम व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। इसमें जजों का एक पैनल होगा, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश, सरकार के नुमाइंदे और जाने-माने नागरिक होंगे। कोलिजियम व्यवस्था के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में धांधली के आरोप लगते रहे हैं।
3. योजना आयोग भंग करने का फैसला
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में 64 साल पुराने योजना आयोग को खत्म कर उसकी जगह नई व्यवस्था लाने का ऐलान किया। इसके लिए लोगों से ऑनलाइन सुझाव मांगे। मोदी का तर्क यह है कि योजना आयोग राज्यों के साथ न्याय नहीं कर पा रहा है।
4. महंगाई पर रोक के लिए कदम
महंगाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जरूरी खाद्य उत्पादों के लिए राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड बनाने ऐलान किया है ताकि महंगाई को लेकर अनियंत्रित अटकलों को बढ़ने से रोका जा सके।
5. गंगा सफाई अभियान
गंगा सफाई को राष्ट्रीय मिशन का बनाने का मोदी ने केवल ऐलान किया बल्कि इसके लिए बजट भी आवंटित कर दिए हैं। अगले कुछ महीनों में इस पर काम शुरू हो जाएगा।
6. निर्मल भारत अभियान का ऐलान
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में दो अक्टूबर से निर्मल भारत अभियान के शुरुआत की घोषणा की। इस अभियान के तहत लोगों को शौचालय के प्रयोग और खुले में शौच से होने वाले नुकसान के साथ ही सफाई से होने वाले फायदों के प्रति प्रेरित किया जाएगा।
7. जन धन योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने महात्वाकांक्षी जन धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े जिन परिवारों के पास बैंक खाता नहीं है उनके बैंक खाते खोले जा रहे हैं। प्रत्येक परिवार में दो बैंक खातों के साथ कुल 15 करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर व्यक्ति को एक लाख रुपये की दुर्घटना बीमा मिलेगी और आधार कार्ड से खुले खातों में छह महीने बाद ग्राहक आवेदन देने पर जमा राशि से पांच हजार रुपये की अधिक राशि निकाल सकेगा।
8. पर्यावरण की मंजूरी को ऑनलाइन सेवा
मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है ताकि मंत्रालयों के बीच आपसी लड़ाई खत्म हो और लोगों को इधर-उधर भटकना न पड़े। यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंजूरी को लेकर कई तरह की बातें सामने आई थीं।
9. अफसरशाही पर नकेल
शपथ ग्रहण करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नौकरशाहों को साफ संदेश दे दिया था कि अब किसी भी कीमत पर अफसरशाही नहीं चलने वाली है। उन्होंने पीएमओ के अधिकारियों को समय पर कार्यालय आने, दफ्तर में साफ-सफाई आदि का पाठ पढ़ाया। अब मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाह सीधे प्रधानमंत्री से निर्देश लेते हैं। मोदी ना सिर्फ मंत्रियों से बल्कि वरिष्ठ अफसरों से भी नियमित सीधे बात करते हैं।
10. विदेश नीति
मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रण भेजकर संदेह दे दिया कि वह किस तरह के विदेश नीति के हिमायती हैं। उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान को दोस्ती का संदेश देने की कोशिश की। फिर उन्होंने पहले विदेश दौरे के लिए भूटान जैसे छोटे देश को चुना और वहां से वह नेपाल गए। मोदी का नेपाल दौरा ऐतिहासिक रहा। कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 साल बाद द्विपक्षीय बातचीत के लिए नेपाल पहुंचा था।
प्रधानमंत्री मोदी का ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राजील जाना और सौ अरब डॉलर के ब्रिक्स बैंक की स्थापना का फैसला भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उधर, चीन भी नई सरकार से रिश्ते बनाने को उत्सुक है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन ने अपने विदेशमंत्री को विशेष दूत बतौर भारत भेजा। चीन के राष्ट्रपति भी सितंबर में भारत का दौरा करेंगे। अभी मोदी जापान के दौरे पर गए हैं जहां उन्होंने दोनों देशों की दोस्ती को नई ऊंचाई देने के लिए कई करारों में पर हस्ताक्षर किए।
Source: News in Hindi and Newspaper
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