Saturday, 6 September 2014

Sukna land scam: Tribunal clean chit to Lt Gen Rath

पूर्व थलसेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को लगभग दोषी ठहराते हुए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ का कोर्ट मार्शल रद्द कर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल पीके रथ को पश्चिम बंगाल में एक जमीन सौदे में कथित भूमिका की खातिर सजा दी गई थी।

साल 2011 में एक कोर्ट मार्शल ने कथित घोटाले में रथ को दोषी करार दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के सुकना में सैन्य छावनी से सटे 70 एकड़ के एक जमीन के टुकड़े पर एक शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए एक निजी बिल्डर को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया था।

यह जमीन सौदा साल 2008 के मध्य में तब सामने आया, जब पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह पूर्वी थलसेना कमांडर थे और उन्होंने कथित जमीन घोटाले में कोर्ट ऑफ एन्क्वॉयरी शुरू की थी।

न्यायाधिकरण ने इस मामले में रथ की 'प्रताड़ना और उनके सम्मान को हुए नुकसान' के लिए थलसेना पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रथ तीन सितारा रैंक वाले ऐसे पहले अधिकारी बन गए थे, जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।

न्यायमूर्ति सुनील हाली की अध्यक्षता वाली न्यायाधिकरण की एक पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता को सभी आरोपों से बरी किया जाता है। वह 12 फीसदी ब्याज के साथ सभी लाभ की बहाली के हकदार हैं। न्यायाधिकरण ने रथ की याचिका को मंजूरी दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जनरल वीके सिंह ने मामले को अनुचित महत्व दिया था, क्योंकि उन्हें तत्कालीन सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश के खिलाफ गंभीर खुन्नस थी।

वीके सिंह ने प्रकाश को अपने जन्म-तिथि के मुद्दे पर प्रतिबद्धता के लिए जिम्मेदार ठहराया था। जन्म-तिथि विवाद के कारण ही थलसेनाध्यक्ष के पद पर वीके सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिल सका था। न्यायाधिकरण ने कहा कि इस मामले के कुछ गवाहों को चूक के लिए दोषी पाया गया है, पर थलसेना ने उन्हें मामूली सजाएं दी हैं।

न्यायाधिकरण ने कहा, तथ्य यह है कि उनमें से कुछ को तो थलसेनाध्यक्ष के तौर पर तरक्की दे दी गई। उनकी सजाएं दरकिनार करने के बाद जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा उनके बयान दर्ज करने के बाद ऐसा किया गया।

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