भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाने का मन बना लिया है और इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। संभव है कि उपराज्यपाल की ओर से निमंत्रण मिलते ही भाजपा सरकार गठन की घोषणा कर देगी। गृह मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने के उपराज्यपाल की रिपोर्ट से सहमत है। संभव है कि सोमवार तक इसकी घोषणा हो जाए।
इसके साथ ही दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं। विधायकों के साथ ही कई अन्य नेताओं की नजर इस पद पर है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। आम सहमति नहीं बनने से भाजपा तीन माह बाद भी विधायक दल के नेता नहीं चुन सकी है। इसलिए सरकार बनाने की स्थिति में उसके सामने मुख्यमंत्री का चुनाव करना बड़ी चुनौती है। इस समय जनकपुरी के विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी तथा नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया जा रहा है।
मुखी सबसे मजबूत दावेदार समझे जा रहे हैं, क्योंकि वरिष्ठ होने के साथ ही मई में इन्होंने बदरपुर के विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाने की मुहिम शुरू की थी। पार्टी के कई विधायकों का भी इन्हें समर्थन है। इसके बावजूद इनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी है। अब स्मृति ईरानी व मीनाक्षी लेखी का नाम भी इस दौड़ में शामिल होने से मुखी की परेशानी बढ़ सकती है। सभी की निगाहें पार्टी हाईकमान पर टिकी हैं।
दिल्ली में सरकार बनाने के पीछे एक वजह यह भी है कि नौ सितंबर को दिल्ली विधानसभा भंग करने की आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। पार्टी एक तरह से सरकार बनाने का मन भी बना चुकी है और इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार पूरी संभावना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का फैसला कर लिया जाएगा। उनके अनुसार सरकार गठन में आंकड़ा कोई बाधा नहीं होगा। दरअसल दूसरे दलों के ऐसे कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं जो यह मानते हैं कि दिल्ली में औपचारिक सरकार न होने की वजह से जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इसके साथ ही दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं। विधायकों के साथ ही कई अन्य नेताओं की नजर इस पद पर है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। आम सहमति नहीं बनने से भाजपा तीन माह बाद भी विधायक दल के नेता नहीं चुन सकी है। इसलिए सरकार बनाने की स्थिति में उसके सामने मुख्यमंत्री का चुनाव करना बड़ी चुनौती है। इस समय जनकपुरी के विधायक प्रोफेसर जगदीश मुखी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी तथा नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया जा रहा है।
मुखी सबसे मजबूत दावेदार समझे जा रहे हैं, क्योंकि वरिष्ठ होने के साथ ही मई में इन्होंने बदरपुर के विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाने की मुहिम शुरू की थी। पार्टी के कई विधायकों का भी इन्हें समर्थन है। इसके बावजूद इनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी है। अब स्मृति ईरानी व मीनाक्षी लेखी का नाम भी इस दौड़ में शामिल होने से मुखी की परेशानी बढ़ सकती है। सभी की निगाहें पार्टी हाईकमान पर टिकी हैं।
दिल्ली में सरकार बनाने के पीछे एक वजह यह भी है कि नौ सितंबर को दिल्ली विधानसभा भंग करने की आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। पार्टी एक तरह से सरकार बनाने का मन भी बना चुकी है और इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार पूरी संभावना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री का फैसला कर लिया जाएगा। उनके अनुसार सरकार गठन में आंकड़ा कोई बाधा नहीं होगा। दरअसल दूसरे दलों के ऐसे कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं जो यह मानते हैं कि दिल्ली में औपचारिक सरकार न होने की वजह से जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
Source: News in Hindi and Newspaper
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