Saturday, 6 September 2014

Angry kejriwal wiil meet president today

दिल्ली सरकार के गठन को लेकर चल रही सियासी उठापठक के बीच शनिवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। वह यहां पर उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए कदम का विरोध करने के मकसद से जा रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना संविधान के खिलाफ है। भाजपा दिल्ली में खरीदफरोख्त से सरकार बनाना चाहती है और भाजपा को सरकार बनाने के लिए कहना लोकतंत्र की हत्या होगी। भाजपा के पास तो इतने विधायक भी नहीं हैं और दूसरा यह कि इससे पहले सरकार बनाने के लिए वह साफ तौर पर मना भी कर चुकी है।

सूत्रों की मानें तो भाजपा भी अब दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर तैयार दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि प्रोफेसर जगदीश मुखी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। आप का कहना है कि जबकि भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए मौजूदा संख्या नहीं हैं तो ऐसे में विधायकों की खरीद फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। वहीं दूसरी ओर निर्दलीय उम्मीदवार शौकीन ने बिना शर्त भाजपा को समर्थन देने की बात कही है। कांग्रेस ने भी भाजपा में चल रही सरकार गठन को लेकर गतिविधियों पर चुटकी लेते हुए कहा है कि मैं अमित शाह से सहमत हूं कि मोदी लहर खत्म हो चुकी है, अच्छी बात है कि उन्हें समय पर इसका अहसास हो गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा नेता सत्ता में आना चाहते हैं लेकिन खतरा नहीं उठाना चाहते, इसलिए चुनावों में नहीं जाना चाहते है।

कांग्रेस के ही दूसरे नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर भाजपा को जनता के पास जाने का डर नहीं है तो क्यों एलजी अन्य राज्यों के साथ दिल्ली में भी चुनावों की घोषणा नहीं करते हैं। फिलहाल हाल दिल्ली विधानसभा में भाजपा के 29 विधायक हैं, जबकि आप के पास 27, कांग्रेस 8, तीन निर्दलीय, चार अन्य के पास हैं। 

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