Tuesday, 9 September 2014

Military personnel panicked run on railway platform

सेना में जवान हिमाचल प्रदेश के निवासी शशि पाल को दोपहर करीब ढाई बजे कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर बदहवास हालत में दौड़ते-भागते देखा गया। जिज्ञासा हुई क्या परेशानी है तो उनसे बात की।

पता चला कि शशि का तबादला कोटा से फैजाबाद हो गया। उन्होंने कोटा से ही परिवार व गृहस्थी के सामान सहित कोटा एक्सप्रेस पकड़ी। सारा सामान पार्सल बोगी में सील था। उन्होंने बताया कि फैजाबाद में उनका सामान नहीं उतारा गया। कुछ समझ में नहीं आया तो वहीं स्टेशन पर परिवार को उतार दिया और बोले कि आगे के स्टेशन पर सामान उतार कर लेते हुए आते हैं। इसके बाद तो एक के बाद एक स्टेशन आते गए और सभी जगहों पर पार्सल विभाग की लापरवाही का शिकार सेना का जवान बनारस तक पहुंच गया लेकिन सामान नहीं उतरवा सका।

शशि ने बताया कि बनारस में भी स्टेशन पर कहा तो बताया गया कि बाबू नहीं है ऐसा कहकर सामान नहीं उतारा गया। कई बार कहने पर जवाब मिला कि जाइए भाई परेशान क्यों होते हैं, रेलवे पर मुकदमा कर दीजिएगा।

बहरहाल शशि का सामान बनारस स्टेशन पर भी नहीं उतरा और ट्रेन आगे बढ़ गई। आगे किस स्टेशन पर सामान उतारा जा सका पता नहीं। उनके साथ ही बाराबंकी से अपनी बाइक पार्सल में बुक कराकर फैजाबाद के लिए चले अनिल की भी यही कहानी थी। उनकी बाइक बनारस तक नहीं उतारी गई और वह भी बेचारे एक से भले दो की तर्ज पर शशि के साथ हो लिए थे। शायद दोनों के सामान ट्रेन के आखिरी स्टेशन पटना पर उतारा गया हो, पक्के तौर पर कुछ कह नहीं सकते।

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