सूबे में भाजपा को सरकार बनाने से रोकने के नाम पर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी [आप] के करीब आने की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। खुद अरविंद केजरीवाल ने यह कहा है कि भाजपा को रोकने के लिए वे सबको साथ लेने के पक्षधर हैं। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि कांग्रेस उस पार्टी से दोबारा हाथ मिलाने के विकल्प पर विचार करेगी, जिसने दिल्ली में उसका सूपड़ा साफ कर दिया।लवली चुनाव कराने के पक्ष में
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली बार-बार कह चुके हैं कि उनकी पार्टी दिल्ली में नए सिरे से चुनाव की पक्षधर है। आप से सहयोग का कोई सवाल ही नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा आप को भाजपा की बी टीम करार देते हैं और मानते हैं। पार्टी के अन्य नेता भी अब आप से किसी प्रकार के सहयोग के पक्षधर नहीं हैं। जाहिर है कि दोनों दलों का मेल अब संभव नहीं है। कांग्रेस व आप के मेल से सूबे में सरकार के गठन की संभावना को उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा राष्ट्रपति को लिखी गई चिट्ठी ने भी समाप्त कर दिया है।
नजीब जंग ने साफ लिखा है कि आप सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा को भंग करने की मांग लेकर गई है। इसी आधार पर उन्होंने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने की इजाजत मांगी है। जाहिर है कि यदि कांग्रेस व आप में सहयोग की कोई कोशिश हो भी रही हो तो उसका फायदा होता नहीं दिख रहा। जानकारों की राय है कि अब या तो भाजपा की अगुवाई में सरकार बनेगी अथवा विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे।
Source: News in Hindi and Newspaper
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