Wednesday, 3 September 2014

Amit shah visit today mumbai

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को संबोधित करने के लिए मुंबई पहुंचेंगे। पार्टी की कमान संभालने के बाद उनका यहां का यह पहला दौरा है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अब केवल दो माह का समय शेष बचा है। लेकिन अभी तक शिवसेना से पार्टी की सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। ऐसी खबर भी है कि शाह मातो श्री भी नहीं जाएंगे और शिवसेना प्रमुख से भी कोई मुलाकात निश्चित नहीं है। लिहाजा इसको दोनों पार्टियों के बीच उभरती एक दरार के रूप में देखा जा रहा है। वहीं शिवसेना की ओर से अभी तक इस मामले में कुछ नहीं कहा गया है।

हालांकि शिवसेना ने मामले को तूल न देते हुए किसी तरह का मतभेद न होने की बात कही है। अमित शाह के मुंबई पहुंचने से पहले भाजपाइयों ने उनके स्वागत की जोरदार तैयारी पूरी कर ली है। पूरे मुंबई में जगह-जगह पर अमित शाह के पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं शिवसेना ने भी कई ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बालासाहेब ठाकरे से आशीर्वाद लेते दिखाया गया है।

सेना-भाजपा पर बढ़ रहा छोटे दलों का दबाव

शिवसेना-भाजपा गठबंधन अभी विधानसभा चुनाव के लिए आपस में सीटों का बंटवारा नहीं कर सके हैं जबकि इनके साथ आए छोटे दल भी अब अपना हिस्सा पाने के लिए दबाव बढ़ाने लगे हैं। बुधवार को रिपब्लिकन पार्टी (आठवले) ने चेतावनी दे दी है कि यदि शिवसेना-भाजपा ने शीघ्र ही उसे मिलने वाली सीटों पर फैसला नहीं किया तो वह अपना निर्णय स्वयं करने के लिए स्वतंत्र होगी।

इसी तरह दो दिन पहले राष्ट्रीय समाज पक्ष के नेता महादेव जानकर ने भी आरोप लगाया था कि उनके हिस्से की सीटें देने के लिए शिवसेना बात करने को तैयार नहीं हो रही है। बता दें कि पिछले 25 साल से सफलतापूर्वक गठबंधन चलाती आ रही शिवसेना-भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के चार छोटे दलों को अपने साथ जोड़कर अपने गठबंधन को महागठबंधन का रूप दे दिया था।

इन छोटे दलों का राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों एवं विभिन्न वर्गो में अच्छा प्रभाव है। जिसका लाभ लोकसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा को भी मिला और महागठबंधन राज्य की 48 में से 42 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रहा। अब विधानसभा चुनाव में भी ये दल अपने लिए अच्छी-खासी सीटों की मांग कर रहे हैं। अभी अपने बीच ही सीटों का बंटवारा न कर सकीं शिवसेना-भाजपा इन छोटे साथियों को भी लटकाए बैठी हैं जिससे इनमें बेचैनी बढ़ती जा रही है।

ये दल चाहते हैं कि इनकी सीटों का फैसला जल्दी हो, ताकि ये उन सीटों के लिए उचित उममीदवार का चयन कर चुनाव की तैयारी कर सकें। यह गुत्थी आसानी से सुलझती दिखाई नहीं देती क्योंकिगुरुवार को मुंबई आ रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ शिवसेना नेताओं की भी कोई मुलाकात स्थानीय भाजपा नेताओं ने तय नहीं की है। महागठबंधन के दो बड़े दलों का मसला सुलझे बिना छोटे दलों की बात भी शुरू नहीं की जा सकती। 

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