प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जन धन योजना को परवान चढ़ाने में रिजर्व बैंक (आरबीआइ) भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा। आरबीआइ ने सभी बैंकों को यह निर्देश दिया है कि वे सरकारी पहचान पत्र नहीं होने पर भी खाता खोलने से इन्कार नहीं करें। बैंक ऐसे व्यक्तियों के सीमित अधिकार वाले अकाउंट खोलें। इस तरह के खाते से एक महीने में सिर्फ 10 हजार रुपये ही निकाले जा सकेंगे।
गुरुवार को आरबीआइ की तरफ से बैंकों को इस बारे में आवश्यक निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में एक अभियान भी केंद्रीय बैंक और अन्य सरकारी बैंकों की तरफ से चलाया जाएगा। अभियान के तहत आम जनता को बैंक खाता खोलने के उनके अधिकार के बारे में बताया जाएगा। बहरहाल, केंद्रीय बैंक का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के पास सरकार की तरफ से दिया गया कोई भी पहचान पत्र नहीं है तो वह अपना फोटो बैंक अधिकारी के समक्ष पेश कर खाता खोल सकता है। बैंक अधिकारी उस व्यक्ति के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान के आधार पर खाता खोल सकता है। लेकिन इस श्रेणी के बैंक ग्राहक के अधिकार सीमित होंगे।
मसलन, उसे एक समय बैंक खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि रखने की इजाजत नहीं होगी। उसे साल में एक लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज भी नहीं मिलेगा। सबसे अहम है कि महीने में महज दस हजार रुपये की राशि ही निकालने की छूट होगी। हां, इस श्रेणी का ग्राहक भविष्य में निर्धारित पहचान पत्र देकर या किसी राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित फोटो प्रस्तुत कर अपने खाते को सामान्य बैंक अकाउंट में तब्दील करवा सकता है।
रिजर्व बैंक के इस एलान के बाद प्रधानमंत्री की जन धन योजना को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री ने 26 जनवरी, 2015 तक 7.5 करोड़ भारतीयों के बैंक खाते खोलने का अभियान शुरू करने का एलान किया था। इसके रास्ते में सबसे बड़ी अड़चन बैंकों के केवाईसी नियमों को ही माना जा रहा है। ग्रामीण व दूर दराज के इलाकों में लगभग 40 फीसद लोगों के पास कोई भी पहचान पत्र नहीं है। पहचान पत्र के बगैर बैंक खाता मुश्किल हो रहा है। आरबीआइ का ताजा निर्देश इस समस्या को काफी हद तक दूर कर देगा।
गुरुवार को आरबीआइ की तरफ से बैंकों को इस बारे में आवश्यक निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में एक अभियान भी केंद्रीय बैंक और अन्य सरकारी बैंकों की तरफ से चलाया जाएगा। अभियान के तहत आम जनता को बैंक खाता खोलने के उनके अधिकार के बारे में बताया जाएगा। बहरहाल, केंद्रीय बैंक का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के पास सरकार की तरफ से दिया गया कोई भी पहचान पत्र नहीं है तो वह अपना फोटो बैंक अधिकारी के समक्ष पेश कर खाता खोल सकता है। बैंक अधिकारी उस व्यक्ति के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान के आधार पर खाता खोल सकता है। लेकिन इस श्रेणी के बैंक ग्राहक के अधिकार सीमित होंगे।
मसलन, उसे एक समय बैंक खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि रखने की इजाजत नहीं होगी। उसे साल में एक लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज भी नहीं मिलेगा। सबसे अहम है कि महीने में महज दस हजार रुपये की राशि ही निकालने की छूट होगी। हां, इस श्रेणी का ग्राहक भविष्य में निर्धारित पहचान पत्र देकर या किसी राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित फोटो प्रस्तुत कर अपने खाते को सामान्य बैंक अकाउंट में तब्दील करवा सकता है।
रिजर्व बैंक के इस एलान के बाद प्रधानमंत्री की जन धन योजना को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री ने 26 जनवरी, 2015 तक 7.5 करोड़ भारतीयों के बैंक खाते खोलने का अभियान शुरू करने का एलान किया था। इसके रास्ते में सबसे बड़ी अड़चन बैंकों के केवाईसी नियमों को ही माना जा रहा है। ग्रामीण व दूर दराज के इलाकों में लगभग 40 फीसद लोगों के पास कोई भी पहचान पत्र नहीं है। पहचान पत्र के बगैर बैंक खाता मुश्किल हो रहा है। आरबीआइ का ताजा निर्देश इस समस्या को काफी हद तक दूर कर देगा।
Source: News in Hindi and Newspaper
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