दुनिया भर के लिए चुनौती बनते जा रहे इराक व सीरिया में फैले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की विषबेल भारत खासकर वेस्ट यूपी में फैलती जा रही है। इंडियन मुजाहिदीन के लिए रंगरूट उपलब्ध कराने वाला भटकल (कर्नाटक) निवासी 39 वर्षीय सुल्तान अब्दुल कादिर अरमार इस संगठन के लिए भारतीय नवयुवकों में जेहाद का जहर घोल रहा है। सुल्तान के बारे में खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि वह देवबंद के एक इस्लामिक संस्थान से पढ़ा है। हालांकि संस्थान ने इस बात से इन्कार किया है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कर्नाटक व उप्र गृह विभाग को बकायदा इस बाबत अलर्ट जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, आइएस के लिए अंसार उल तौहीद नामक वेबसाइट पर भारतीय अल्पसंख्यकों से वैश्रि्वक जेहाद में शामिल होने की अपील करता एक वीडियो अपलोड हुआ है, इसमें एक नकाबपोश, जिसकी पहचान इंडियन मुजाहिदीन के लिए रंगरूट उपलब्ध कराने वाले कर्नाटक के सुल्तान अब्दुल कादिर अरमार के रूप में हुई है। खुफिया विभाग का दावा है कि सुल्तान देवबंद के एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान से पढ़ा है। वह वेस्ट यूपी से वह भली-भांति परिचित है। गुप्तचर विभाग ने संकेत दिए हैं कि बड़ी संख्या में सुल्तान नवयुवकों को इराक में लड़ाई के लिए वेस्ट यूपी के युवकों को उकसा रहा है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कश्मीर के बाद पिछले 15 दिन से सुल्तान ने वेस्ट यूपी के कई नवयुवकों से संपर्क किया है। गुप्तचर विभाग के अनुसार, हाल ही में कट्टरवादी इस्लाम को दर्शाते कई वीडियो सामने आए। इनमें अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले का सिर कलम करने का वीडियो भी शामिल है। गुप्तचर विभाग ने इस पत्र में 20 जुलाई 2014 को दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे से दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल सुभान का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया कि मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान सुभान देवबंद आया था। गुप्तचर विभाग को अभी तक सुल्तान व सुभान में आपस में संबंध की पुष्टि नहीं हुई है, पर दिल्ली पुलिस की विशेष सेल से इस बाबत सुभान से पूछताछ करने के लिए कहा गया है। डेढ़ माह पहले कमिश्नर तनवीर जफर अली की बैठक में सहारनपुर मंडल में ऐसे 102 लोग चिन्हित किए गए थे, जिन पर आइएसआइ एजेंटों को शरण देने का शक था। उनके मोबाइल सर्विलांस पर रखकर नजर रखी जा रही है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कर्नाटक व उप्र गृह विभाग को बकायदा इस बाबत अलर्ट जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, आइएस के लिए अंसार उल तौहीद नामक वेबसाइट पर भारतीय अल्पसंख्यकों से वैश्रि्वक जेहाद में शामिल होने की अपील करता एक वीडियो अपलोड हुआ है, इसमें एक नकाबपोश, जिसकी पहचान इंडियन मुजाहिदीन के लिए रंगरूट उपलब्ध कराने वाले कर्नाटक के सुल्तान अब्दुल कादिर अरमार के रूप में हुई है। खुफिया विभाग का दावा है कि सुल्तान देवबंद के एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान से पढ़ा है। वह वेस्ट यूपी से वह भली-भांति परिचित है। गुप्तचर विभाग ने संकेत दिए हैं कि बड़ी संख्या में सुल्तान नवयुवकों को इराक में लड़ाई के लिए वेस्ट यूपी के युवकों को उकसा रहा है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और कश्मीर के बाद पिछले 15 दिन से सुल्तान ने वेस्ट यूपी के कई नवयुवकों से संपर्क किया है। गुप्तचर विभाग के अनुसार, हाल ही में कट्टरवादी इस्लाम को दर्शाते कई वीडियो सामने आए। इनमें अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले का सिर कलम करने का वीडियो भी शामिल है। गुप्तचर विभाग ने इस पत्र में 20 जुलाई 2014 को दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे से दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल सुभान का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया कि मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान सुभान देवबंद आया था। गुप्तचर विभाग को अभी तक सुल्तान व सुभान में आपस में संबंध की पुष्टि नहीं हुई है, पर दिल्ली पुलिस की विशेष सेल से इस बाबत सुभान से पूछताछ करने के लिए कहा गया है। डेढ़ माह पहले कमिश्नर तनवीर जफर अली की बैठक में सहारनपुर मंडल में ऐसे 102 लोग चिन्हित किए गए थे, जिन पर आइएसआइ एजेंटों को शरण देने का शक था। उनके मोबाइल सर्विलांस पर रखकर नजर रखी जा रही है।
Source: News in Hindi and Newspaper
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