सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला देता हुए कहा है कि अब से पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में की जाएगी। इस तरह की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बैंच अंतिम निर्णय सुनाएगी। इससे पहले पुनर्विचार याचिका को जज अपने चैंबर में ही सुनते थे और निर्णय लेते थे।
कोर्ट ने एक फांसी की सजा पाए दोषी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा है कि फांसी की सजा पाया दोषी पुनर्विचार याचिका के खारिज होने के एक माह के भीतर मामले को री-ओपन करने के लिए याचिका दायर कर सकता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ फांसी की सजा पाए उन दोषियों पर लागू होगी जिन्होंने अभी तक क्यूरेटिव पेटिशन [उपचारात्मक याचिका] फाइल नहीं की है और जिनकी पुनर्विचार याचिका पिछले एक माह के अंदर खारिज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में बनी पांच न्यायाधीशों की एक बैंच ने यह अहम फैसला सुनाया है। लालकिला पर हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ और 1993 के मुंबई हमले याकूब अब्दुल रज्जाक समेत कुल छह दोषियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने एक फांसी की सजा पाए दोषी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा है कि फांसी की सजा पाया दोषी पुनर्विचार याचिका के खारिज होने के एक माह के भीतर मामले को री-ओपन करने के लिए याचिका दायर कर सकता है। लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ फांसी की सजा पाए उन दोषियों पर लागू होगी जिन्होंने अभी तक क्यूरेटिव पेटिशन [उपचारात्मक याचिका] फाइल नहीं की है और जिनकी पुनर्विचार याचिका पिछले एक माह के अंदर खारिज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में बनी पांच न्यायाधीशों की एक बैंच ने यह अहम फैसला सुनाया है। लालकिला पर हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ और 1993 के मुंबई हमले याकूब अब्दुल रज्जाक समेत कुल छह दोषियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
Source: News in Hindi and Newspaper
No comments:
Post a Comment