Tuesday, 2 September 2014

Sheetal who born in red light area, will go to america

मुंबई के रेडलाइट एरिया कमाठीपुरा की एक सेक्स वर्कर की बेटी शीतल जैन ने ना सिर्फ सपना देखा, बल्कि अब वह उस ओर कदम भी बढ़ा चुकी है। आगामी 16 सितंबर को शीतल संगीत सीखने के अपने सपने के साथ अमेरिका के लिए उड़ान भरेगी।

सेक्स वर्करों के बच्चों की जिम्मेदारी उठाने वाले एनजीओ क्रांति की देखरेख में पल रही शीतल ने कहा कि उसका सपना था कि वह खूब पढ़े, खेले और आम बच्चों की तरह जिंदगी जिए। लेकिन एक रेडलाइट एरिया में पलने बढ़ने के चलते उसे कभी अपने सपने पूरे होने की उम्मीद नहीं थी। शीतल ने कहा, 'मुझे कहा जाता था कि एक सेक्स वर्कर की बेटी सेक्स वर्कर ही बन सकती है।' 19 वर्षीय शीतल दो साल पहले क्रांति से जुड़ी। क्रांति के सह संस्थापक रोबिन चौरासी ने कहा कि इन दो सालों में शीतल एक शर्मीली और उत्साहहीन लड़की से साहसी और आत्मविश्वास से परिपूर्ण युवती बन गई है। वह अब 10वीं कक्षा की छात्र है। उसने बच्चों के यौन शोषण से लेकर सेक्स वर्कर के अधिकारों तक विभिन्न मुद्दों पर हजारों लोगों के सामने अपने विचार रखे हैं। शीतल ढोल बजाना सीखना चाहती है। उसका कहना है कि संगीत में बहुत ताकत है। वह इसके जरिए अपने जैसी लड़कियों की आवाज को बुलंद करेगी। इस सपने को पूरा करने के लिए वह अमेरिका जा रही है।

एनजीओ से जुड़े लोग फेसबुक तथा अन्य माध्यमों से शीतल के इस सपने को पूरा करने के लिए फंड जुटा रहे हैं। यूएस ड्रम स्कूल की फीस, रहने और खाने समेत एक साल का कुल खर्च करीब 20,000 अमेरिकी डॉलर आएगा। क्रांति एनजीओ से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता हरीश अय्यर ने फेसबुक पर 'शीतल फॉर ए डे' अभियान भी चलाया है।

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