Saturday, 6 September 2014

No rule for officer's daughter

उत्तर प्रदेश में घोटाले के लिए बदनाम समाज कल्याण विभाग में साहब' की बेटी के सामने नियम-कानून ताक पर रख दिए गए। सम्भल के जिला समाज कल्याण अधिकारी की बेटी को बीडीएस में दादा की आश्रित दिखाकर छात्रवृत्ति के करीब आठ लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। कमिश्नर ने आइएएस अधिकारी से इस मामले की जांच कराई तो खुलासा हुआ।

सम्भल के जिला समाज कल्याण अधिकारी पजनेस कुमार की बिजनौर में तैनाती के दौरान का मामला हाल ही में खुला है। उनकी बेटी ने 2009 में मुरादाबाद के संस्थान में बीडीएस करने को प्रवेश लिया और शुल्क प्रतिपूर्ति के तहत छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया। संस्थान से नाम आने पर समाज कल्याण विभाग ने भी बिना जांच पड़ताल के ही छात्रवृत्ति स्वीकृत कर दी। छात्रा ने प्रवेश फार्म में पिता का व्यवसाय दर्ज करने के बजाय दादा सेवानिवृत्त उप डाकपाल प्यारे लाल का व्यवसाय दर्ज किया, जिनकी पेंशन से महज 97 हजार रुपये वार्षिक है।

इसकी जानकारी होने पर कमिश्नर शिवशंकर सिंह ने आइएएस अधिकारी व एसडीएम कांठ आंद्रा वामसी से जांच कराई। उन्होंने छात्रा, उसके दादा व संस्थान के पदाधिकारियों से पूछताछ कर 30 जून 2014 को रिपोर्ट कमिश्नर को सौंप दी। अब कमिश्नर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

हो गई है फर्जीवाड़ा की पुष्टि

कमिश्नर मुरादाबाद शिवशंकर सिंह ने बताया कि बिजनौर में तैनात रहे जिला समाज कल्याण अधिकारी की बेटी ने तथ्यों को छिपाकर छात्रवृत्ति का लाभ लिया है। इसमें तत्कालीन अधिकारी को भी निर्दोष नहीं माना जा सकता है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जा रहा है। एसडीएम आंद्रा वामसी की रिपोर्ट में फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई है।

बेटी दादा के पास रहती है

जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा मामले के आरोपी पजनेस कुमार ने कहा क िमेरी बेटी अपने दादा के पास रहती है, इसलिए वह अभिभावक हैं। वह सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनका व्यवसाय फार्म में भरा गया है।

ऐसे लिया लाभ

वर्ष 2009-10 में 1,60,000 रुपये की छात्रवृत्ति।

वर्ष 2010-11 में 1,64,000 रुपये की छात्रवृत्ति। ं

ंवर्ष 2011-12 में 2,44,000 रुपये की छात्रवृत्ति।

वर्ष 2012-13 में 2,40,000 की छात्रवृत्ति।

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