हजारीबाग [जासं]। बारह साल की उम्र जब कोई बच्चा ठीक से किशोर भी नहीं बन पाता है और हरवक्त मां-बाप उसे अपने संरक्षण में रखते हैं। इस उम्र के एक बच्चे को हजारीबाग में सालभर रूह कंपा देने वाली यातनाएं दी गई।
19 जनवरी 2013 को बड़ा बाजार ग्वालटोली से लापता अमन जब एक साल बाद जीर्ण-शीर्ण हालत में घर पहुंचा और परिजनों को अपनी प्रताड़ना की दास्तान बताई तो सभी रो पड़े।
अमन ने बताया कि एक वर्ष पहले घर से ब्रश करने के लिए निकला, तो दो लोगों ने उसे अगवा कर लिया। उसे रामगढ़ में कुजू के एक होटल में कैद कर रखा गया था। वहां दिनभर जूठा बर्तन मांजने से लेकर झाड़ू और गंदा साफ करने का काम लेने के बाद रात में हाथ-पैर बांधकर खुली जमीन पर लिटा दिया जाता था। दिन में एक बार खाना मिलता था। किसी से भी बात करने की मनाही थी। इस दौरान उसे होटल मालिक ने एक दिन भी नहाने तक नहीं दिया। शनिवार को मालिक से पहली बार वह राशन लेने की बात कह पैसा लिया और बस पकड़कर भाग निकला। बताया, उसे कुजू पुराना ट्रैकर स्टैंड के पास एक होटल में रखा गया था। होटल संचालक ने उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके सिर के बाल तक पेंट से रंग दिए थे। अमन के पिता बरही पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। मां मल्लाह टोली स्कूल में खाना बनाती है। अमन को जब अगवा किया गया था, तब वह पांचवी कक्षा में आनंदा शिशु विद्या मंदिर का छात्र था।
Source : News in Hindi
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