(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट ने कई खिलाड़ियों को अर्श से फर्श पर आते देखा, कुछ तो उतार-चढ़ाव भरे रास्तों को संघर्ष करके पार कर गए तो कुछ कहीं खराब फॉर्म की धुंध में कहीं खो से गए। देश ने कई क्रिकेटरों को हाल में संन्यास लेते देखा लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है जिसका संन्यास शायद अब तक का सबसे बड़ा दुखद संन्यास हो सकता है, क्योंकि मौजूदा हालातों को देखें तो मुमकिन है कि ये खिलाड़ी अब मैदान पर बिना उतरे ही क्रिकेट को अलविदा कह दे।
हम बात कर रहे हैं एक समय भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज की पहचान के साथ पिच पर उतरने वाले वीरेंद्र सहवाग की। सहवाग ने मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था, जबकि जनवरी 2013 में उन्होंने अपना आखिरी वनडे खेला था। तकरीबन एक साल होने जा रहा है और वीरेंद्र सहवाग की टीम में वापसी नहीं हो सकी। उम्मीद जताई जा रही थी कि घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके सहवाग टीम इंडिया में दोबारा अपनी दावेदारी पेश करेंगे, लेकिन मौजूदा रणजी सीजन खत्म हो गया और सहवाग यहां पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। नतीजतन उनकी टीम रणजी ट्रॉफी के क्वॉर्टर फाइनल में लगातार चौथी बार जगह पाने में असफल रही। सहवाग ने मौजूदा रणजी सीजन में दिल्ली के बाहर होने से पहले 7 मैचों में महज 234 रन बनाए हैं। आपको बता दें कि भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज में सहवाग को तरजीह नहीं दी गई थी, और अब न्यूजीलैंड दौरे से भी उनका नाम नदारद है। न्यूजीलैंड से लौटने के बाद भारत को इंग्लैंड दौरे के लिए जाना है और जब सहवाग को इस दौरान खेलने का मौका ही नहीं मिलेगा तो वो भला कैसे टीम में वापसी करेंगे, इस पहलू को अगर देखें तो मुमकिन है कि सहवाग अब शायद ही हाल में टीम इंडिया में वापसी करने में सफल रहें, ऐसे में काफी हद तक ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि सहवाग का करियर अब खत्म होने की कगार पर है।
वीरेंद्र सहवाग अगर मैदान पर उतरे बिना ही संन्यास की घोषणा करते हैं तो जाहिर तौर पर ये अब तक का सबसे दुखद संन्यास होगा। ये वो खिलाड़ी है जिसने कुछ ऐसे कीर्तिमान हासिल किए हैं जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज तक कोई नहीं कर सका। एक नजर उन कुछ खास रिकॉर्ड्स पर।
1. वनडे इतिहास में सबसे बड़ी पारी (219 रन)।
2. भारतीय टेस्ट इतिहास में तिहरा शतक मारने वाला पहला और एकमात्र खिलाड़ी।
3. दो तिहरे शतक जड़ने वाला एकमात्र भारतीय क्रिकेटर (309, 319)।
4. वनडे इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक (60 गेंदों में 100 रन)।
5. भारत के सबसे बड़े टेस्ट स्कोर (726-9) में सहवाग का 293 रनों का महत्वपूर्ण योगदान।
6. भारत के सबसे बड़े वनडे स्कोर (418 रन) में सहवाग का 219 रनों का रिकॉर्ड योगदान।
7. वनडे में भारत की सबसे बड़ी जीत (257 रनों से जीत) में सहवाग का सर्वाधिक 114 रनों का योगदान।
8. भारत की तरफ से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी (410 रन) राहुल द्रविड़ के साथ 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में। ये साझेदारी विश्व क्रिकेट में तीसरे नंबर पर आती है।
ऐसे ही ना जाने कितने रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग ने अपने नाम किए और ज्यादातर उनकी पारियों में भारत को जीत ही मिली। पहले नंबर पर भारत को टेस्ट और वनडे में इतना विस्फोटक खिलाड़ी आज तक नहीं मिला। एक नजर सहवाग के अब तक के आंकड़ों पर:
- 104 टेस्ट मैचों में 49.34 की औसत से 8586 रन (23 शतक)
- 251 वनडे मैचों में 35.04 की औसत और 104.33 के शानदार स्ट्राइक रेट से 8273 रन (15 शतक)
- टेस्ट में गेंदबाजी करते हुए 40 विकेट
- वनडे में गेंदबाजी करते हुए 96 विकेट
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