Wednesday, 1 January 2014

To write a letter daily to PM and CM


आगरा [जासं]। ताजनगरी के हक के लिए अब प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को हर रोज एक खत पहुंचेगा। खतों में होगा टूटी सड़कों, सुविधाओं के अभाव जैसी मुश्किलों का दर्द। वर्ष 2013 में सैलानियों की आमद घटने से सकते में आया पर्यटन उद्योग यह रणनीति बना रहा है। बुधवार को पर्यटन संस्थाओं ने यह फैसला लिया।

ताजनगरी में पर्यटकों की आमद का आंकड़ा ताजमहल पर टिकटों की ब्रिकी से माना जाता है। वर्ष 2012 में ताज पर रिकॉर्ड 60 लाख टिकटों की बिक्त्री हुई थी। परंतु 2013 में अप्रत्याशित रूप से ताजनगरी आने वालों की संख्या में कमी आई। पूरे साल में ताज पर 2012 के मुकाबले भारतीय टिकटों की बिक्री में करीब डेढ़ लाख और विदेशी पर्यटकों की टिकटों की बिक्री में 50 हजार की कमी आई है। जागरण द्वारा इस हकीकत को उजागर करने के बाद बुधवार को फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एसोसिएशन, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आदि पर्यटन संस्थाओं ने विचार-विमर्श किया।

अब तय किया गया है कि पर्यटन के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, लंबित योजनाओं आदि के लिए अनवरत मुहिम चलाई जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हर रोज एक पत्र भेजा जाएगा। जिसमें आगरा की स्थिति और मांगों की जानकारी होगी। साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों पर भी दबाव बनाया जाएगा।
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यह एकदम अप्रत्याशित है, पहले ही सैलानी कम आने की बात कही जा रही थी। लेकिन संबंधित विभाग इसे मान नहीं रहे थे। अब आगरा का हक हासिल किया जाएगा। -राजीव तिवारी, अध्यक्ष फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एसोसिएशन

पर्यटकों की आमद घटने की बात कई बार रखी गई। जरूरी सुविधाओं के लिए भी मांग की गई, लेकिन अनदेखी ने पर्यटन के लिए नुकसान की जमीन तैयार की। अब इसके लिए अनवरत मुहिम चलाई जाएगी। -राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

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