Wednesday, 1 January 2014

Lokpal Bill gets President's nod

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आगामी संसदीय चुनाव में जाने से पहले संप्रग सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाले लोकपाल कानून को मूर्तरूप देने में जुट गई है। संसद से पारित होने के बाद बहुप्रतीक्षित लोकपाल विधेयक पर राष्ट्रपति की अंतिम मुहर बुधवार को लग गई। भ्रष्टाचार निरोधक इस कानून के दायरे में प्रधानमंत्री तक को शामिल किया गया है। 

लोकसभा सचिवालय ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास अंतिम मुहर के लिए भेजा था। उनके हस्ताक्षर के साथ ही विधेयक कानून बन गया है।पिछले संसद सत्र के दौरान 17 दिसंबर को राज्यसभा और अगले ही दिन लोकसभा से यह विधेयक पारित हो गया था।
संविधान के जानकार सुभाष कश्यप के अनुसार अब कानून को विधि मंत्रालय के पास भेजा जाएगा, जहां इसके लिए नियम बनाए जाएंगे। इन नियमों के साथ कानून आधिकारिक रूप से गजट में प्रकाशित करने के लिए भेजा जाएगा। प्रकाशित होने की तिथि से लोकपाल कानून लागू हो जाएगा। उसके एक साल के भीतर केंद्रीय स्तर पर लोकपाल और राज्य स्तर पर लोकायुक्त नामक संस्थान स्थापित किये जाएंगे। कानून तभी से मूर्त रूप से अमल में आ जाएगा। 

इस कानून के तहत दस सदस्यों वाले लोकपाल का चयन जिस समिति के जरिए होगा, उसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक वरिष्ठ न्यायविद शामिल होंगे। इस कानून के लागू होने के बाद जांच एजेंसी सीबीआइ भी सीधे सरकार के निर्देश में काम करने की बजाय इसके तहत काम करेगी। लोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने भी इस कानून पर संतोष जताया है। हालांकि आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने इसे नाकाफी बताते हुए कहा था कि इससे चूहा भी जेल नहीं जाएगा।

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