Monday, 24 February 2014

Kripalu Maharaj's daughter officially assumed command

कृपालु महाराज के अपने धाम जाने के उनकी बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने प्रकल्पों को आगे बढ़ाने की कमान संभाल ली है। इसकी रविवार को आधिकारिक घोषणा हो गई। डॉ. विशाखा ने कहा कि 'प्रेम मंदिर' का निर्माण विश्व में प्रेम-धर्म की स्थापना के लिए किया गया है। साथ ही जगदगुरु के कई प्रकल्प भी चल रहे हैं। वह चाहेंगी कि यह अपना काम बेहतर ढंग से करते रहें।

डॉ. विशाखा ने कृपालु महाराज के औपचारिक रूप से काम संभालने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ब्रज- वृंदावन से भगवान श्रीकृष्ण ने जगत को 'प्रेम' का संदेश दिया तो उनके भक्त कृपालु ने इस संदेश के सार को जगत के सामने रखने का खाका तैयार किया। 'प्रेम मंदिर' कृपालु द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम तत्व को साक्षात् रूप देने का एक छोटा प्रयास भर था। इसकी कल्पना उन्होंने दशकों पहले की। अपनी कल्पना को मूर्त रूप देने में कृपालु को कई साल लगे।

डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने बताया कि विश्व भर में सनातन धर्म की पताका फराहने के साथ 'प्रेम मंदिर' निर्माण में किसी प्रकार की कोई कोताही न रहे, ऐसा प्रयास जगद्गुरु ने हमेशा किया।

प्रेम के इस संवाहक मंदिर के अलावा अत्याधुनिक सत्संग भवन, तीन सौ बेड का अस्पताल बनाने की योजना को मूर्तरूप मिलता, इससे पहले ही जगद्गुरु ने गोलोक धाम का रुख कर लिया। अब इसका जिम्मा वह संभाल रही हैं। उनका कहना है कि निराश्रित, दरिद्र नारायण सेवा, सत्संग भवन, अस्पताल निर्माण की व्यवस्था को उन्होंने गति देना शुरू कर दिया है। कृपालु परिषद की अध्यक्षा डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने बताया कि मनगढ़ में 'श्रीभक्ति धाम', वृंदावन में 'श्री श्यामा श्याम धाम', बरसाना का 'रंगीली महल' और दिल्ली की राधा गोविंद समिति हैं। इन केंद्रों ने समाजसेवा में नये आयाम स्थापित किए। वृंदावन में 100 बेड वाला नि:शुल्क चिकित्सालय तीन महीने में शुरू कर दिया जाएगा। अत्याधुनिक मशीनों व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा यहां हर रोग का उपचार होगा।

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