महाशिवरात्रि के पर्व पर ग्यारहवें ज्योतिर्लिग भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित कर दी गई है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट चार मई को सुबह छह बजे खोले जाएंगे। पिछले साल जून में आई आपदा के बाद क्षतिग्रस्त गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग की मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि 30 अप्रैल तक पैदल मार्ग के साथ ही केदारनाथ राष्ट्रीयराजमार्ग पूरी तरह से दुरुस्त कर लिये जाएंगे।
गुरुवार को भगवान केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में बदरी-केदार मंदिर समिति के प्रतिनिधियों, हक हकूकधारियों, पुजारियों व तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में वेदपाठी ब्राह्मणों ने पंचाग गणना कर केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि निकाली। कपाट मेष लगन में सुबह छह बजे खोले जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने बताया कि तीस अप्रैल को भगवान केदार की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। डोली फाटा और गौरीकुंड होते हुए तीन मई को केदारनाथ पहुंचेगी। इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, टीगंगाधर लिंग और बागेश लिंग के अलावा हक हकूकधारी और तीर्थ पुरोहित मौजूद थे। गौरतलब है कि आपदा के बाद बीते वर्ष 11 सितंबर को शुद्धिकरण के बाद केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी, जो पांच नंवबर को कपाट बंद होने तक जारी रही।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राघव लंगर ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 24 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंपा गया है। उन्हाेंने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए केदारनाथ में प्री-फैब्रिकेटेड हट का निर्माण कराया जाएगा।अलावा हक हकूकधारी और तीर्थ पुरोहित मौजूद थे। गौरतलब है कि आपदा के बाद बीते वर्ष 11 सितंबर को शुद्धिकरण के बाद केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी, जो पांच नंवबर को कपाट बंद होने तक जारी रही। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राघव लंगर ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 24 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंपा गया है। उन्हाेंने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए केदारनाथ में प्री-फैब्रिकेटेड हट का निर्माण कराया जाएगा।
गुरुवार को भगवान केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में बदरी-केदार मंदिर समिति के प्रतिनिधियों, हक हकूकधारियों, पुजारियों व तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी में वेदपाठी ब्राह्मणों ने पंचाग गणना कर केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि निकाली। कपाट मेष लगन में सुबह छह बजे खोले जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने बताया कि तीस अप्रैल को भगवान केदार की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। डोली फाटा और गौरीकुंड होते हुए तीन मई को केदारनाथ पहुंचेगी। इस अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, टीगंगाधर लिंग और बागेश लिंग के अलावा हक हकूकधारी और तीर्थ पुरोहित मौजूद थे। गौरतलब है कि आपदा के बाद बीते वर्ष 11 सितंबर को शुद्धिकरण के बाद केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी, जो पांच नंवबर को कपाट बंद होने तक जारी रही।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राघव लंगर ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 24 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंपा गया है। उन्हाेंने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए केदारनाथ में प्री-फैब्रिकेटेड हट का निर्माण कराया जाएगा।अलावा हक हकूकधारी और तीर्थ पुरोहित मौजूद थे। गौरतलब है कि आपदा के बाद बीते वर्ष 11 सितंबर को शुद्धिकरण के बाद केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी, जो पांच नंवबर को कपाट बंद होने तक जारी रही। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी राघव लंगर ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 24 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का काम लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को सौंपा गया है। उन्हाेंने बताया कि यात्रियों के ठहरने के लिए केदारनाथ में प्री-फैब्रिकेटेड हट का निर्माण कराया जाएगा।
Source: Spiritual News in Hindi & Hindi Panchang
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