Sunday 23 February 2014

Holly wears a bright white dress before Takurji

चल री लड्डूगोपाल कूं नई पोशाक लैं आवें.। वृंदावन की कुंज गलियों में महिलाओं के कुछ ऐसे ही बोल आजकल सुनाई दे रहे हैं। परंपरा के अनुसार होली से पहले घर-घर में लड्डू गोपाल को सफेद पोशाक पहनाई जाएगी। जबकि होली के बाद लाला रंगबिरंगी पोशाक धारण करते हैं।

वृंदावन और ब्रज में मौसम बदलने के साथ लाड़ले कन्हैया की पोशाक में बदलाव नजर आने लगा है। होली पर लड्डू गोपाल को नई पोशाक पहनाने को महिलाएं खरीदारी में जुट गई हैं। कारण वृंदावन में भगवान कृष्ण की घरों में बालक रूप में पूजा होती है। जिस तरह घरों में बालकों के खानपान और कपड़ों में मौसम के साथ बदलाव होता है, ठीक उसी तरह 'लाला' की परवरिश भी महिलाएं यशोदा मैया की तरह करती हैं। अब जबकि ब्रज में फागुनी बयार उड़ने लगी है तो महिलाओं को भी अपने लाड़ले के परिधान की चिंता सता रही है। स्थानीय निवासी रामनारायन बृजवासी का कहना है कि होली पर ठाकुरजी धवल सफेद वस्त्र ही धारण करेंगे। ताकि जो भी रंग उनके ऊपर चढ़े चटख दिखायी दे।

पर्व पर देसी-विदेशी भक्त उन्हें रंग से सराबोर देश मदमस्त हो जायें। बाजार के कई पोशाक विक्रेताओं ने बताया कि रेशम और बेलवेट की सफेद धवल पोशाक की बिक्री इन दिनों तेज हो गयी है।

पोशाक व्यापारी पुरुषोत्तम शर्मा का कहना है कि हर साल होली से पहले धवल पोशाक की बिक्त्री अधिक होती है। होली पर ठाकुर जी के सफेद परिधान पर पड़े चटख रंग श्रद्धालुओं को लुभाते हैं तो होली के बाद उनके आकर्षक परिधान। होली के बाद कान्हा शनील और वेलवेट के बने रत्‍‌न जड़ित परिधान धारण कर श्रद्धालुओं को भव्य दर्शन देंगे।

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