नेपाल में बारिश के बाद हुए भीषण भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 200 तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इस भूस्खलन ने सनकोसी नदी का प्रवाह रोककर वहां एक बड़ी झील बना दी है। इसके चलते नेपाल व भारत में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। सेना ने रविवार को हल्की तीव्रता वाले धमाकों से मलबे की बांधनुमा संरचना को तोड़ने का प्रयास भी किया।
शनिवार सुबह सिंधुपालचौक जिले में पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढहकर नदी में गिर गया था। इस मलबे के नीचे मनखा गांव के करीब 100 घर दब गए हैं। मिट्टी व पत्थरों ने करीब 2.5 किमी लंबी और 130 मीटर गहरी झील भी बना दी है। इसके डर से नजदीकी गांवों के लोग सुरक्षित जगहों की तलाश में निकल गए हैं। मगर मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि इस आपदा में 200 लोग लापता है। इनके बजाय जाने की उम्मीद धूमिल पड़ गई है। आठ लोगों के मरने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी आशंका जताई है कि करीब 159 लोग मलबे के नीचे दबकर मारे जा चुके हैं। मगर गृह मंत्रालय लापता लोगों का आंकड़ा 100 बता रहा है। रविवार को भी जारी रही बारिश के चलते राहत व बचाव कार्य में दिक्कतें आईं। नेपाल की सेना ने रविवार को कृत्रिम झील को तोड़ने के लिए हल्की तीव्रता वाले धमाके किए, जिसमें अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।
शनिवार सुबह सिंधुपालचौक जिले में पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढहकर नदी में गिर गया था। इस मलबे के नीचे मनखा गांव के करीब 100 घर दब गए हैं। मिट्टी व पत्थरों ने करीब 2.5 किमी लंबी और 130 मीटर गहरी झील भी बना दी है। इसके डर से नजदीकी गांवों के लोग सुरक्षित जगहों की तलाश में निकल गए हैं। मगर मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि इस आपदा में 200 लोग लापता है। इनके बजाय जाने की उम्मीद धूमिल पड़ गई है। आठ लोगों के मरने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी आशंका जताई है कि करीब 159 लोग मलबे के नीचे दबकर मारे जा चुके हैं। मगर गृह मंत्रालय लापता लोगों का आंकड़ा 100 बता रहा है। रविवार को भी जारी रही बारिश के चलते राहत व बचाव कार्य में दिक्कतें आईं। नेपाल की सेना ने रविवार को कृत्रिम झील को तोड़ने के लिए हल्की तीव्रता वाले धमाके किए, जिसमें अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।
Source: Newspaper
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