Tuesday, 12 August 2014

Polygrph test fails in badaun case

कटरा सआदतगंज में चचेरी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के मामले में अहम खुलासा हुआ है। सीबीआइ की ओर से दोनों किशोरियों के पिता, चाचा व मुख्य गवाह के करवाए गए लाइ डिटेक्शन (पोलीग्राफ), फोरेंसिक एसेसमेंट एवं फोरेंसिक असेसमेंट एनालिसस टेस्ट की रिपोर्ट इनके मूल बयान से बिल्कुल अलग है। तीनों ही टेस्ट में फेल हो गए हैं। अब सीबीआइ का वह संदेह यकीन में बदल गया है कि वारदात से जुड़ा असली राज पीड़ित पक्ष छिपा रहा है।

कटरा सआदतगंज में दो किशोरियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले ने पीड़ित पक्ष ने पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाते हुए तहरीर दी थी। इसी तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखकर पुलिस ने पांचों को जेल भेज दिया था। पीड़ित पक्ष ने पुलिस के प्रति अविश्वास जताते हुए घटना की सीबीआइ से जांच करवाए जाने की मांग की। सीबीआइ ने जांच शुरू करने के बाद आरोपी व पीड़ित पक्ष के लाइ डिटेक्शन (पोलीग्राफ), फोरेंसिक असेसमेंट एवं फोरेंसिक असेसमेंट एनालिसस टेस्ट कराए थे। पहले आरोपी पक्ष के टेस्टों की रिपोर्ट आई तो पता चला कि वे सभी सही बोल रहे हैं। जांच के दौरान सभी आरोपियों ने वही बयान दिए, जो वे सामान्य स्थिति में दिए। इसके बाद सबकी निगाहें पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट पर टिकी रहीं। सीबीआइ की अलग-अलग टीमों द्वारा लिए गए पीड़ित पक्ष के बयान में कई विरोधाभास थे। मंगलवार को किशोरियों के पिता सोहनलाल व जीवनलाल, चाचा रामबाबू तथा मुख्य गवाह बाबूराम उर्फ नजरू की रिपोर्ट आई तो पता चला कि ये सभी झूठ बोल रहे हैं। टेस्ट के दौरान इन लोगों के बयान सामान्य स्थिति में दिए गए बयान से बिल्कुल अलग पाए गए। इस खुलासे के बाद सीबीआइ जांच अब पूरी तरह पीड़ित परिवार पर आकर टिक गई है क्योंकि आरोपी टेस्ट में पहले ही पास हो चुके हैं। 

Source: http://epaper.jagran.com/http://epaper.jagran.com/

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