बिजली कटौती से पूरे अलीगढ़ में हाहाकार मचा है। एक दिन में 22-22 घंटे तक बिजली गायब रहने से शहर से लेकर देहात तक लोग सड़क पर उतरकर आक्रोश जता रहे हैं। लेकिन, शहर का एक इलाका ऐसा भी है, जिसे रात की विद्युत कटौती से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। आखिर क्यों? जवाब सबके पास है, लेकिन मुंह खोलने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा। निर्बाध विद्युत आपूर्ति सूबे के एक मंत्री की 'अम्मी' के कारण है। वे आजकल यहीं आई हुई हैं। उनके रहने (30 अगस्त) तक बिजली कटौती नहीं करने के आदेश जारी हुए हैं।
शहर में रोजाना 10-12 घंटे और देहात में 22 घंटे तक विद्युत कटौती हो रही है। उमस भरी गर्मी में कटौती ने कोहराम मचा दिया है। इसके बाद भी शहर के मेडिकल रोड बिजलीघर से जुड़े इलाके चैन में हैं। यहां दिन की रूटीन आपूर्ति रहती ही है, रात को एक पल भी बिजली गुल नहीं होती। पूरी रात बिजली देने का फरमान लखनऊ से है। सूत्रों की मानें तो इस बिजलीघर से जुड़े सर सैयद नगर में सूबे के एक कद्दावर मंत्री की खाला रहती हैं। मंत्री जी की अम्मी दो हफ्ते से यहीं आई हुई हैं। बिजली कटौती से कहीं नींद न उचट जाए, सो मंत्री जी ने अम्मी के लिए पूरे क्षेत्र को ही बिजली कटौती से मुक्त कर दिया है।
इसके लिए मेडिकल रोड बिजलीघर को बौनेर बिजली घर से निर्बाध बिजली देने के आदेश हैं। सूत्रों की मानें तो 15 अगस्त को अम्मी को लौटना था। इस कारण निर्बाध आपूर्ति का आदेश इसी तारीख तक था। किसी कारण वे रुक गई तो आपूर्ति 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई। 'अम्मी' के होने से दोदपुर, मेडिकल रोड, धौर्रा, जीवनगढ़ आदि कालोनियां भी रात में रोशन हैं। मंगलवार रात पूरे शहर में 12.30 से 2.30 बजे तक कटौती हुई, लेकिन अम्मी के इलाके में नहीं।
मुख्य अभियंता वीके मित्तल का कहना है कि यह सही है कि मेडिकल रोड बिजलीघर रात में कटौती से मुक्त है। यह किसके आदेश से है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। प्रबंध निदेशक लखनऊ एपी मिश्रा का कहना है कि अलीगढ़ के एक बिजलीघर को रात की कटौती से मुक्त रखने के आदेश की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
ओवरड्राल पर यूपी पावर कारपोरेशन को नोटिस
गंभीर बिजली संकट के चलते केंद्रीय कोटे से अतिरिक्त बिजली लेना (ओवरड्राल) पावर कारपोरेशन के अफसरों को महंगा पड़ सकता है। कोटे से ज्यादा बिजली लेने पर एनआरएलडीसी (नार्दर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर) ने कारपोरेशन को नोटिस जारी की है। नोटिस पर आज केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा। दरअसल, बिजली की कमी के चलते कारपोरेशन प्रबंधन हली अगस्त से लगातार बिजली का ओवरड्राल कर रहा है। रोजाना औसतन तीन मिलियन यूनिट (एमयू) तक बिजली का ओवरड्राल हो रहा है। ग्रिड की सुरक्षा के मद्देनजर नियमानुसार केंद्रीय कोटे से बिजली का ओवरड्राल नहीं किया जा सकता है। बिजली का ओवरड्राल कर ग्रिड को खतरे में डालने पर एनआरएलडीसी ने प्रबंधन को नोटिस दी गई है। नोटिस पर केंद्रीय आयोग आज सुनवाई करेगा। प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर आयोग संबंधित अधिकारियों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
शहर में रोजाना 10-12 घंटे और देहात में 22 घंटे तक विद्युत कटौती हो रही है। उमस भरी गर्मी में कटौती ने कोहराम मचा दिया है। इसके बाद भी शहर के मेडिकल रोड बिजलीघर से जुड़े इलाके चैन में हैं। यहां दिन की रूटीन आपूर्ति रहती ही है, रात को एक पल भी बिजली गुल नहीं होती। पूरी रात बिजली देने का फरमान लखनऊ से है। सूत्रों की मानें तो इस बिजलीघर से जुड़े सर सैयद नगर में सूबे के एक कद्दावर मंत्री की खाला रहती हैं। मंत्री जी की अम्मी दो हफ्ते से यहीं आई हुई हैं। बिजली कटौती से कहीं नींद न उचट जाए, सो मंत्री जी ने अम्मी के लिए पूरे क्षेत्र को ही बिजली कटौती से मुक्त कर दिया है।
इसके लिए मेडिकल रोड बिजलीघर को बौनेर बिजली घर से निर्बाध बिजली देने के आदेश हैं। सूत्रों की मानें तो 15 अगस्त को अम्मी को लौटना था। इस कारण निर्बाध आपूर्ति का आदेश इसी तारीख तक था। किसी कारण वे रुक गई तो आपूर्ति 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई। 'अम्मी' के होने से दोदपुर, मेडिकल रोड, धौर्रा, जीवनगढ़ आदि कालोनियां भी रात में रोशन हैं। मंगलवार रात पूरे शहर में 12.30 से 2.30 बजे तक कटौती हुई, लेकिन अम्मी के इलाके में नहीं।
मुख्य अभियंता वीके मित्तल का कहना है कि यह सही है कि मेडिकल रोड बिजलीघर रात में कटौती से मुक्त है। यह किसके आदेश से है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। प्रबंध निदेशक लखनऊ एपी मिश्रा का कहना है कि अलीगढ़ के एक बिजलीघर को रात की कटौती से मुक्त रखने के आदेश की मुझे कोई जानकारी नहीं है।
ओवरड्राल पर यूपी पावर कारपोरेशन को नोटिस
गंभीर बिजली संकट के चलते केंद्रीय कोटे से अतिरिक्त बिजली लेना (ओवरड्राल) पावर कारपोरेशन के अफसरों को महंगा पड़ सकता है। कोटे से ज्यादा बिजली लेने पर एनआरएलडीसी (नार्दर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर) ने कारपोरेशन को नोटिस जारी की है। नोटिस पर आज केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा। दरअसल, बिजली की कमी के चलते कारपोरेशन प्रबंधन हली अगस्त से लगातार बिजली का ओवरड्राल कर रहा है। रोजाना औसतन तीन मिलियन यूनिट (एमयू) तक बिजली का ओवरड्राल हो रहा है। ग्रिड की सुरक्षा के मद्देनजर नियमानुसार केंद्रीय कोटे से बिजली का ओवरड्राल नहीं किया जा सकता है। बिजली का ओवरड्राल कर ग्रिड को खतरे में डालने पर एनआरएलडीसी ने प्रबंधन को नोटिस दी गई है। नोटिस पर केंद्रीय आयोग आज सुनवाई करेगा। प्रबंधन के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर आयोग संबंधित अधिकारियों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
Source: News in Hindi & Newspaper
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