Wednesday, 27 August 2014

Film makers would get 2 crore to shoot their movie in UP

सपा सरकार एक बार फिर फिल्म नीति में बदलाव करेगी। अब यूपी में फिल्म शूट करने पर दो करोड़ की आर्थिक मदद दी जाएगी। फिल्म में यदि राज्य के कलाकार होंगे तो 25 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद भी मिलेगी। नीति में बदलाव से प्रदेश में फिल्म उद्योग के फलने-फूलने की आस बढ़ी है।

फिल्म उद्योग की स्थापना के लिए सुविधाएं देने की कई बार घोषणा की गई, लेकिन राज्य में फिल्म उद्योग पनप नहीं सका। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिर वर्ष 2001 में जारी फिल्म नीति में संशोधन करने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि ऐसी फिल्म जिसकी 75 प्रतिशत शूटिंग उत्तर प्रदेश में होगी, उसके निर्माता को दो करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। अब तक अधिकतम एक करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता है। फिल्म की प्रोसेसिंग प्रदेश में कराने पर 25 लाख और दिए जाएंगे।

प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि राज्य में बनारस, आगरा, लखनऊ, इटावा, कन्नौज, मथुरा, इलाहाबाद, चित्रकूट, नोएडा, चंदौली, फैजाबाद, विंध्याचल, सोनभद्र में शूटिंग के लिए शानदार लोकेशन उपलब्ध है। कई फिल्मों की शूटिंग चल भी रही है। कुछ और फिल्म निर्माता राज्य में फिल्म शूट करने के इच्छुक हैं। फिल्म नीति में बदलाव का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।

हाल में यूपी में आदित्‍य रॉय कपूर और परिणीति चोपड़ा की फिल्‍म दावत-ए-इश्‍क की शूटिंग हुई है। यहां इश्‍क के परिंदे फिल्‍म की शूटिंग भी चल रही है।

नहीं मिल सकी रफ्तार: 1975 में वीपी सिंह सरकार ने उप्र में चलचित्र निगम की स्थापना की थी। तीन लाख रुपये अधिकतम मदद की घोषणा हुई थी। बाद में चलचित्र निगम बंद हो गया। फिर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता ने फिल्म बंधु की स्थापना की। शत्रुघ्न सिन्हा अध्यक्ष बनाए गए। बाद में अनुपम खेर अध्यक्ष बने। सपा सरकार में राज्यसभा सदस्य जया बच्चन फिल्म बंधु की अध्यक्ष बनीं। मायावती सरकार में यशवंत निकोसे फिल्म को अध्यक्ष नियुक्त किया गया, लेकिन फिल्म उद्योग को रफ्तार नहीं मिल सकी।

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