पवन कुमार, नई दिल्ली। एक युवक ने 10 वर्ष पहले दिल्ली जल बोर्ड में सहायक केमिस्ट की नौकरी के लिए डीएसएसएसबी (दिल्ली सबआर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड) की लिखित परीक्षा पास की। युवक का नौकरी के लिए दिल्ली जल बोर्ड में साक्षात्कार भी हुआ, लेकिन उसे न नौकरी दी गई और न कारण बताया गया। युवक नौकरी पाने के लिए कई सालों तक विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटता रहा और अंत में अदालत की शरण ली।
आखिरकार युवक की मेहनत रंग लाई। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर साक्षात्कार के 10 साल बाद डीएसएसएसबी ने युवक को सरकारी नौकरी को नियुक्ति पत्र दे दिया है। पेश मामले के अनुसार, डीएसएसएसबी ने दिल्ली जल बोर्ड में सहायक केमिस्ट के दो पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2003 में आवेदन पत्र आमंत्रित किए थे। ओबीसी कोटे में दिल्ली जल बोर्ड में लैब टेक्निशियन के रूप में कार्यरत लोकेश कुमार ने भी आवेदन किया। डीएसएसएसबी ने 19 दिसंबर, 2004 को लिखित परीक्षा ली। इसमें लोकेश ने ओबीसी कोटे के तहत 35 अंक प्राप्त कर दूसरा रैंक हासिल किया। अन्य प्रतियोगियों के साथ लोकेश कुमार का साक्षात्कार लिया गया। बाद में पहले रैंक वाले को अयोग्य घोषित कर दिया गया। डीएसएसबी ने यादव को अयोग्य करार देने के बाद इस नौकरी की भर्ती ही रद कर दी। इस पर लोकेश सहायक केमिस्ट के पद की नौकरी पाने के लिए कई वर्षो तक दिल्ली जल बोर्ड व डीएसएसबी के अधिकारियों के पास चक्कर काटता रहा, मगर सुनवाई नहीं हुई।
इसके बाद, लोकेश ने सहायक केमिस्ट की नौकरी पाने के लिए 2011 में अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव टिब्यूनल) के समक्ष डीएसएसएसबी के निर्णय को चुनौती दी। कैट ने 29 फरवरी, 2012 को डीएसएसएसबी की कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया और उसे निर्देश दिया था कि वह लोकेश को सहायक केमिस्ट के पद पर नियुक्ति दे। कैट के इस निर्णय को डीएसएसएसबी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने डीएसएसएसबी की याचिका को खारिज कर दिया और बोर्ड को निर्देश दिया कि वह लोकेश को नियुक्ति पत्र प्रदान करे। इस पर डीएसएसएसबी ने 8 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार दिल्ली जल बोर्ड में सहायक केमिस्ट की नियुक्ति पत्र सौंप दिया।
Original Found Here... http://www.jagran.com/news/national-got-job-after-10-years-of-interview-10648357.html
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