नई दिल्ली (New Delhi)। चीन और पाकिस्तान के बाद अब म्यांमार ने घुसपैठ की हिमाकत की है। बताया जाता है कि मणिपुर के चंदेल जिले में सीमावर्ती इलाके मोरेह के पास एक गांव में कैंप लगाने के प्रयास के साथ करीब दस किलोमीटर क्षेत्र में म्यांमार की सेना ने बाड़ लगाने की भी कोशिश की। इन घटनाओं को देखते हुए भारत ने म्यांमार से बात की, जिसके बाद उनकी तरफ से सारी गतिविधियां रोक दी गई हैं। राज्यपाल अश्विनी कुमार ने भी घटनास्थल का दौरा कर हालात की समीक्षा की है।
सूत्रों के मुताबिक, सीमावर्ती इलाके में बाड़ निर्माण और मोरेह के निकट ही होलेफई गांव में बेस कैंप लगाने के लिए म्यांमार सेना (Myanmar Army) ने सामग्रियों को इकट्ठा कर लिया था। मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह के आग्रह पर केंद्र सरकार ने म्यांमार से बात की। इसके बाद सभी गतिविधियों पर विराम लग गया है। इससे पहले म्यांमार की तरफ से हुई हिमाकत का स्थानीय गांव के प्रमुखों और जिले के अधिकारियों ने विरोध किया। उन्हें लगा कि अगर म्यांमार इस पर आगे बढ़ा तो मणिपुर की सीमा का क्षरण हो सकता है। हालांकि गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसे घुसपैठ मानने से इन्कार करते हुए कहा कि ये सभी गतिविधियां म्यांमार की सीमा के भीतर हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को म्यांमार सरकार के समक्ष उठाया और इसे सहमति से सुलझा लिया गया है।
असम राइफल्स ने भी गृह मंत्रालय को भेजी जानकारी में बताया कि म्यांमार के सैनिक भारतीय क्षेत्र में दाखिल नहीं हुए हैं। असम राइफल्स के मुताबिक, 'हमने म्यांमार की सेना की तरफ से एक प्लाटून का मुख्यालय बनाने के लिए पिलर संख्या 76 पर पेड़ों को काटने से उन्हें रोक दिया है। क्योंकि इस पिलर का अभी सीमांकन नहीं हुआ है। लेकिन म्यांमार की सेना ने घुसपैठ नहीं की है। मणिपुर के राज्यपाल ने मंगलवार को मोरेह का दौरा कर अधिकारियों और गांव के प्रधानों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।
इससे पहले सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च अधिकार प्राप्त समूह ने घटनास्थल का दौरा किया था। समूह जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।
Original Found Here... http://www.jagran.com/news/national-myanmar-attempts-to-erect-fencing-near-manipur-border-town-10680518.html
No comments:
Post a Comment