मूल रूप से बंगाल की रहने वाली सुमन नाथवानी अपने हौसले से यहां तक पहुंची हैं। बहुत कम उम्र से ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था, जबकि उनके पिता को उनका काम करना बिल्कुल पसंद नहीं था। मां को अपनी प्रेरणा मानने वाली सुमन नाथवानी अपने बच्चों और डॉग ब्राउनी के साथ समय बिताना पसंद करती हैं। इसके साथ ही वह कैंसर रोगियों के लिए काउंसलिंग भी करती हैं। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश
अपने बारे में बताएं?
मैं मारवाड़ी परिवार से हूं। मेरे पिता व्यवसायी हैं और मां हाउसवाइफ। हम दो बहन और एक भाई हैं। जन्म से लेकर पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई है।
आप इस प्रोफेशन में कैसे आईं?
बचपन से ही मैं कुछ करना चाहती थी। शुरू से ही मुझे कपड़ों, ब्यूटी और आर्ट में बहुत इंटरेस्ट था। यही वजह है कि मैं इस प्रोफेशन में आई। मेरा मानना है कि जो आपके नसीब में लिखा है, वही होता है।
एक डिजाइनर के तौर पर आपने स्लीपवियर को ही क्यों चुना?
मैं अधिकतर देखती थी कि लोग कपड़ों पर तो ध्यान देते हैं, मगर स्लीपवियर के प्रति किसी का ध्यान नहीं जाता है। लोग सोचते हैं कि घर के अंदर ही तो रहना है। कुछ भी पहन लेते हैं। जब मैंने काम शुरू किया उस समय इस क्षेत्र में कोई प्रोफेशनल डिजाइनर नहीं था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस प्रोफेशन को अपनाया। मैं देश की पहली स्लीपवियर व स्विमवियर डिजाइनर हूं।
अपनी पहचान बनाने में आपको कितनी मशक्कत करनी पड़ी?
जब मैंने काम शुरू किया था तो लोग कहते थे कि यह क्या कर रही हैं। कॉमर्शियली भी मुझे बहुत परेशानी होती थी। फिर भी जहां चाह है वहां राह है। यही वजह है कि अब तक मैं कई शो कर चुकी हूं। यही नहीं बॉलीवुड के कई बड़े स्टार के साथ भी काम कर चुकी हूं।
आप महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए डिजाइन करती हैं। इसकी खास वजह?
मैनें सोचा कि महिलाओं के लिए तो काम करती ही हूं। पुरुषों के लिए भी करना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने पुरुषों के लिए स्लीपवियर बनाना शुरू किया।
Original Found Here.. http://www.jagran.com/house-tips/our-destiny-is-been-written-in-stars-10655908.html
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