सदी के नायक अमिताभ बच्चन के प्रशंसक दुनियाभर में हैं। ये प्रशंसक अपनी दीवानगी में कभी-कभी ऐसी हरकतें कर जाते हैं, जो उनके लिए सिरदर्द बन जाती हैं। बिग बी भी इसका अपवाद नहीं रहे।
अमिताभ बताते हैं, 'एक बार फिल्म की शूटिंग के बाद मैं होटल में अपने कमरे में पहुंचा तो देखा वहां पर एक महिला बैठी हुई हैं। उन्हें अंदर देखकर मैं सकपका गया। मैंने पूछा आप कौन हैं? यहां क्या कर रही हैं तो उन्होंने कहा मैं आपकी प्रशंसक हूं और आज यही रहूंगी। उस महिला ने कहा, मैं कुछ नहीं करूंगी, बस यह देखूंगी कि आप सोते कैसे हैं। इसके बाद वह महिला दरवाजा घेर कर खड़ी हो गई और टस से मस नहीं हुई। उन्होंने कहा आप बाहर नहीं जा सकते मैं जो कहूंगी करना पड़ेगा। फिर मैंने इधर-उधर की बातें करके उन्हें बहलाना फुसलाना शुरू किया। करीब दो घंटे बाद वह जैसे ही दरवाजे से हटी मैं निकल भागा और महिला को कमरे में छोड़ आया। वाकई उस दिन में मैं बच गया।'
एक अन्य वाक्ये को याद करते हुए महानायक बताते हैं कि जब घर की दीवारें बहुत ऊंची नहीं होती थीं तो एक बार एक महिला घर में कूद आई। उसकी गोद में बच्चा था और मुझसे कहने लगी कि वह मेरी प्रशंसक है और घर में मेरे साथ ही रहेगी। फिर उसे बहुत समझाया। ये वाक्ये बिग बी ने बीते शनिवार को सूरत में 'कौन बनेगा करोड़पति' सीजन-8 के लाइव प्रसारण के दौरान सुनाए। केबीसी के इतिहास में यह पहला मौका है जब शो की शूटिंग मुंबई के बाहर की गई और गेम को सात हजार दर्शकों की मौजूदगी में लाइव खेला गया। कार्यक्रम के प्रस्तोता कॉमेडियन कपिल शर्मा थे। उन्होंने बातों ही बातों में अमिताभ से कहा जब एक्शन सीन की बारी आती है तो आप डुप्लीकेट की मदद लेते हैं। मगर रोमांटिक सीन में उनका इस्तेमाल नहीं करते? पूछने पर अमिताभ ने मुस्कुराते हुए कहा, 'प्यार और विश्वास ऐसी चीजें हैं जो हर किसी पर नहीं की जा सकती।'
अपनी जवानी के दिनों में अमिताभ काफी शरारती हुआ करते थे। वह बताते हैं, 'यह बात है जब हम कॉलेज में पढ़ते थे। हमारे जितने भी दोस्त थे उन्हें कार का हब कैप दीवार पर चिपकाने का शौक चढ़ आया था। उनके लिए ये जीत का पर्याय होती था। हममें कंपटीशन होता था कि किसके पास सबसे ज्यादा हब कैप है। उस जमाने में फीएट और अंबेसडर कार होती थी। इसके अलावा कोई हब कैप मिलता नहीं था। तो रात में एक दो बजे हम लोग निकलते थे सड़कों पर और हब कैप चोरी करते थे। इंपोर्टेड गाड़ी का मामला अहम होता था। तो इंपोर्टेड गाड़ी ढूंढते थे। दिल्ली में हमारी एंबेसी के आस-पास बहुत इंपोर्टेड गाड़िया होती थी तो वहां से चुराते थे और दीवारों पर चिपकाते थे और कहते थे कि देखो हमारे पास कितनी हब कैप हो गई।'
कॉलेज जाने के दौरान वह लड़कियों को देखने के भी दीवाने थे। उसके लिए खास बस को पकड़ते थे। बिग कहते हैं, 'वह बस तीन मूर्ति से चलती थी और दिल्ली यूनिवर्सिटी तक जाती थी। खास बात यह थी कि कनाट प्लेस बस स्टाप से तीन-चार खूबसूरत लड़कियां चढ़ती थी। उन्हें देखने के लिए जरूरी होता था कि वही बस पकड़े। अगर बस छूट जाए तो भागदौड़ कर उसी बस को पकड़ते थे।'
Source: Newspaper
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