Thursday, 7 August 2014

Jyoti Murder Case: Manisha says, i will be always with piyush in jyoti murder case

कानपुर की ज्योति की हत्या के आरोपी उसके पति पीयूष की प्रेमिका मनीषा मखीजा अब खुलकर सामने आ गई है। जेल में बंद मनीषा ने कल रिमांड के दौरान कहा कि वह अंतिम सांस तक पीयूष के साथ संबंध निभाएगी।

कल रिमांड के दौरान पुलिस को इस हत्याकांड से जुई अहम जानकारियां मिली हैं। 27 जुलाई को ज्योति की हत्या से पहले भी दो बार उसे मारने की साजिश रची गई थी। हत्यारोपियों के समय से न पहुंचने के कारण पीयूष का प्लान फेल हो गया। 27 को भी योजना फेल होती तो फिर एक अगस्त को ज्योति के ऊपर वार होता।
रिमांड के दौरान मनीषा ने बोला कि मैं पीयूष से प्यार करती हूं। ज्योति ने उसे मुझसे छीन लिया था, अब परिवार वाले मेरी शादी दिल्ली में तय कर रहे थे। शादी हो जाती तो सब कुछ खत्म हो जाता। पीयूष को पता था, इसलिए उसने जल्दबाजी में घटना को अंजाम दिया। पांच घंटे की पुलिस रिमांड में आरोपी मनीषा मखीजा ने माना कि पीयूष से उसके संबंध हैं और वह उन्हें अंतिम समय तक निभाएगी। मनीषा मखीजा का पुलिस रिमांड दोपहर एक से सात बजे तक के लिए मिला था। दोपहर डेढ़ बजे सीओ ज्ञानवती तिवारी, एसओ महिला थाना अंजना वर्मा सब इंस्पेक्टर रीना गौतम उसे लेकर पुलिस लाइन आईं। इसके बाद पूछताछ हुई। पुलिस के अनुसार मनीषा ने बताया कि उसके पीयूष से प्रेम संबंध थे और वह उससे शादी करना चाहती थी। दोनों के परिवारवाले भी तैयार थे, लेकिन परिस्थितियों ने साथ नहीं दिया। शादी के बाद भी पीयूष से उसके संबंध बने रहे। घरवाले उसकी शादी दिल्ली के बड़े घराने में तय कर रहे थे। इस बात से पीयूष भी परेशान था। अवधेश उनके संबंधों का राजदार था। इसी कारण पीयूष ने उसे ज्योति की हत्या के लिए तैयार किया। मनीषा ने माना कि उसकी पीयूष से घटना वाले दिन बात हुई लेकिन वह हत्या की साजिश की जानकारी से मुकर गयी। पुलिस अधिकारियों ने जब उसे एसएमएस के बारे में बताया और कहा कि पीयूष ने उससे कहा था कि सब कुछ ओके है, तो मनीषा ने सिर झुका लिया। पुलिस ने मनीषा को शाम साढ़े छह बजे वापस जेल भेज दिया।

घर की तलाशी में नहीं मिले साक्ष्य

मनीषा को पुलिस उसके घर भी ले गई। एसओ स्वरूप नगर शिव कुमार राठौर और महिला थाना पुलिस की निगरानी में घर मेंउसके कमरे की तलाशी ली गयी। कई बैग भी पुलिस ने खंगाले लेकिन पुलिस को कुछ खास नहीं मिला।

नहीं हो पाया मनीषा व पीयूष का सामना

इसे पुलिस की लापरवाही कहें या चूक, जो रिमांड के दौरान पीयूष और मनीषा का आमना सामना नहीं हो सका। पीयूष व अवधेश सहित अन्य हत्यारोपियों को पुलिस ने 12 बजे जेल में वापस भेजा। जबकि मनीषा को डेढ़ बजे बाहर लाया जा सका।

पिकनिक के बहाने पीयूष ले जाता था बाहर
शातिर पीयूष और प्रेमिका मनीषा ने ज्योति को मारने की बहुत पहले से योजना बना रखी थी। इस बीच मनीषा के परिजनों ने उसकी शादी दिल्ली में तय कर दी तो दोनों बेचैन हो उठे। ज्योति को पीयूष व मनीषा के संबंधों की जानकारी थी। इस कारण वह पीयूष से कम बात करती थी। मनीषा को लगा कि ज्योति यदि पीयूष से दूरी बनाए रखेगी तो उसे हटाने का मौका नहीं मिलेगा। उसने पीयूष से अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने को कहा। पीयूष अक्सर रविवार को पिकनिक के बहाने ज्योति को बाहर ले जाने लगा।

तीसरे प्रयास में गई जान

पीयूष 13 जुलाई को ज्योति को लेकर सचेंडी के ओरिएंट रिसार्ट गया था। यहां पति-पत्‍‌नी ने रेन डांस में भाग लिया। इस बीच पीयूष ने अवधेश को बताया कि कार्यक्रम रात 12.30 पर समाप्त होगा। तुम साथियों के साथ आकर रास्ते में ज्योति का काम तमाम कर देना, लेकिन रेन डांस 11.30 पर ही खत्म हो गया और पीयूष को जल्दी घर वापस लौटना पड़ा। 20 जुलाई रविवार को गंगा बैराज पर हत्या की साजिश बनी लेकिन यहां बरसात ने उनकी योजना फेल कर दी। योजना फेल होने के बाद पीयूष ने अवधेश और उसके साथियों से कहा था कि यदि तीसरे प्रयास में भी योजना सफल न हुई तो वह उन्हें सबक सिखाएगा। रिमांड के दौरान पीयूष और मनीषा ने वीडियोग्राफी के दौरान हत्या की साजिश कबूल की है।

13 जुलाई को भी खरीदे थे चाकू
पुलिस ने बताया कि बिग बाजार, रावतपुर से चाकू 13 और 21 जुलाई को खरीदे गये थे। हत्यारोपी अवधेश ने गुमराह करने का प्रयास किया था। वीडियो फुटेज में तिथि सामने आने पर पुलिस ने स्थिति साफ की।
आज विसर्जित होंगी ज्योति की अस्थियां

ज्योति की अस्थियां आज हरिद्वार में गंगा में विसर्जित होगी। उसके भाई जबलपुर से और सुसरालीजन कानपुर से हरिद्वार पहुंचेंगे। इस दौरान दोनों पक्षों में घटना के बाद पहली बार आमना सामना भी होगा। इसे लेकर सभी की निगाहें लगी हैं। ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने बताया कि उनका बेटा हितेश तथा एक रिश्तेदार नरेंद्र कटारिया जबलपुर से हरिद्वार के लिए निकल गये हैं। कानपुर से बेटी के ससुर ओमप्रकाश अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचेंगे। दोनों पक्षों के लोग गंगा घाट पर मिलेंगे इसके बाद अस्थि विसर्जन होगा। शंकर नागदेव ने बताया वह नौ अगस्त के बाद कानपुर आएंगे।

Source: Newspaper

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