Thursday, 7 August 2014

Blame Game on dismissal of Mizoram governor Beniwal

कार्यकाल खत्म होने से महज दो माह पहले और गुजरात से मिजोरम एक माह पहले तबादला की गई राज्यपाल डा. कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडु ने कहा है कि बेनीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप थे जिसकी वजह से उन्हें पद से हटाया गया है। सुप्रीम 

कोर्ट के निर्णय का कत्तई उल्लंघन नहीं है। उनके साथ जो भी किया गया है, वह नियमों के अनुकूल किया गया है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यह बदले की भावना से की गई कार्रवाई है। वहीं मनीष तिवारी ने कहा कि यदि हटाना ही था तो मिजोरम क्यों भेजा गया था।

बेनीवाल की बर्खास्तगी पर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट मंत्रियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और वैंकेया नायडू संग बैठक कर रहे हैं। इसबीच वैंकया नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुसार ही फैसला लिया है। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि समय से पूर्व बेनीवाल को पद से हटाना सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन है।

गौरतलब है कि गुजरात की राज्यपाल के तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई अवसरों पर भिड़ चुकीं डा. कमला बेनीवाल को बुधवार रात कार्यकाल खत्म होने से महज दो माह पहले बर्खास्त कर दिया गया। इससे ठीक एक माह पहले बेनीवाल का तबादला गुजरात से मिजोरम कर दिया गया था।

उधर, कांग्रेस ने डा. कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी पर कहा कि समय से पूर्व राज्यपालों को पद से हटाया जाना सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन है। बेनीवाल को सबसे पहले अक्टूबर 2009 में त्रिपुरा का गवर्नर नियुक्त किया गया था। इसके एक माह बाद उन्हें गुजरात का राज्यपाल बना दिया गया। कमला बेनीवाल मोदी सरकार द्वारा बर्खास्त की जाने वाली दूसरी राज्यपाल हैं। इससे पहले पुडुचेरी के राज्यपाल ले. गवर्नर वीरेंद्र कटारिया को केंद्र ने बर्खास्त कर दिया था।

Source: Newspaper

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