Friday, 8 August 2014

kharkhauda conversion cases: swelling in private parts of victim

खरखौदा कांड की पीड़ित युवती की हालत अस्पताल में पहले से बेहतर है। उसका ब्लड प्रेशर स्थिर है। गुरुवार को उसकी एमआरआइ की रिपोर्ट आ गई। इसमें उसके प्राइवेट पा‌र्ट्स पर सूजन के निशान आए हैं। इससे चिकित्सक मान रहे हैं कि उसके साथ कुछ गंभीर घटना हुई है। चिकित्सकों के अनुसार युवती को एक से दो दिन में आइसीयू से प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

यशोदा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. पीएन अरोड़ा ने बताया पीड़ित युवती की हालत पहले से बेहतर है। उसका ब्लड प्रेशर स्थिर है। गुरुवार को उसकी एमआरआइ की रिपोर्ट आ गई। इसमें उसके प्राइवेट पा‌र्ट्स पर सूजन के निशान आए हैं। एक से दो दिन में आइसीयू से प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि युवती के इलाज का पूरा खर्चा अस्पताल उठा रहा है। बुधवार को युवती का एक रिश्तेदार अस्पताल में आने वाले सभी वीआईपी लोगों के सामने इलाज के खर्चे का मुद्दा उठा रहा था।

उधर, पीड़ित युवती से मिलने सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम के आने की सूचना थी, लेकिन वह नहीं आए। इस बीच पुलिस ने यहां पर किसी भी राजनैतिक हस्ती के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक बिना किसी पूर्व सूचना के कोई भी नेता के गांव में जाकर पीड़ित परिवार से मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

यहां लोगों की गतिविधियों व स्थिति की पल-पल की जानकारी एलआइयू शासन को भेज रहा है। पीड़ित युवतियों से मिलने वालों पर भी निगाह रखी जा रही है। उधर, खरखौदा कांड को लेकर रसम संस्था ने गुरुवार शाम कैंडल मार्च निकाला। कौटिल्य सेना से जुड़े लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

हीलाहवाली ने बढ़ाई तनातनी

धर्म परिवर्तन और सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण को लेकर आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य महिला आयोग की टीम भी गुरुवार को पीड़िता के गांव पहुंची। प्रकरण में धीरे-धीरे सांप्रदायिक घेरेबंदी भी तेज हो रही है। पुलिस ने दबिश देकर तीन लोगों को हिरासत में लिया है। गुरुवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सह-महासचिव अनीता और सदस्य राज देवी पीड़िता के खरखौदा स्थित गांव पहुंची और पीड़िता की मां से बात की।

हालांकि मीडिया से बातचीत में महिला आयोग का प्रतिनिधिमंडल पीड़िता की इंसाफ की कम और पुलिस कार्रवाई का ज्यादा बचाव करता नजर आया। यहां तक कह डाला गया कि युवती का कोई आपरेशन नहीं हुआ है। प्रतिनिधिमंडल ने पीड़िता से गाजियाबाद के अस्पताल में मुलाकात भी की।

प्रकरण को दबाने की कोशिश

प्रकरण के राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने के बाद पुलिस ने शुरुआती गिरफ्तारियां तो कीं, लेकिन मुख्य आरोपी सनाउल्ला अभी भी फरार है। मुजफ्फरनगर और हापुड़ के जिन मदरसों की इसमें संलिप्तता रही है, पुलिस उनकी खोज तक नहीं कर पाई है। मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने अब तक सिर्फ इतना माना है कि युवती को मुजफ्फरनगर में रखा गया है। धर्म परिवर्तन के संगठित रैकेट और मानव तस्करी जैसे युवती के आरोपों पर भी पुलिस मुंह सिले हुए है।

हिंदू संगठनों का आरोप है कि युवती के कॉल डिटेल का सहारा लेकर पुलिस सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के बजाय प्रेम प्रसंग की ओर मोड़ने की तैयारी कर रही है। इतना गंभीर प्रकरण होने के बाद भी पुलिस ने जांच खरखौदा एसओ से हटाकर महिला थाने की एसओ को सौंप दी है। पुलिस को नहीं लगता कि राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी का सबब बन रहे इस मामले में किसी बड़े अधिकारी से जांच की जरुरत है।

दोतरफा पेशबंदी

हिंदू संगठन लगातार लव जेहाद और मदरसों की कार्यप्रणाली की जांच को लेकर सड़कों पर हैं। गुरुवार को भी थापरनगर में हिंदू संगठनों के तेवर उग्र रहे। उधर, इत्तेहाद मिल्लत कमेटी ने मदरसों को बदनाम करने का आरोप लगा अब इस बयानबाजी को दोतरफा कर दिया है। ऐसे तंग माहौल में देर शाम खरखौदा में दो समुदाय पथराव के बाद आमने-सामने आ गए। खरखौदा में सांप्रदायिक भिड़ंत की ऐसी छिटपुट वारदातें लगातार जारी हैं। ऐसे में अगर मामले में पुलिस प्रशासन जल्द ही इस प्रकरण में सब कुछ सामने नहीं लाता है तो हालात और तनावपूर्ण हो सकते हैं। गुरुवार को मेरठ पुलिस-प्रशासन ने भी शहर में फ्लैग मार्च किया।

Source: Newspaper

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