Friday, 8 August 2014

Now bureaucrats will be followed new guidelines

नौकरशाह राजनीतिक रूप से निष्पक्ष रहें, किसी के साथ भेदभाव न करें और सिर्फ जनहित में रखकर फैसले लें, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाया है। आइएएस, आइपीएस और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों पर लागू वर्ष 1968 में बनी अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमावली संशोधित हो गई है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वे कर्तव्य पालन के दौरान उच्च आचारनीति और राजनीतिक निष्पक्षता बनाए रखें।

अधिकारियों की जवाबदेही जरूरी

नई नियमावली में कहा गया है कि अधिकारियों को जनता के प्रति खासकर कमजोर वर्ग के प्रति जवाबदेह होने की जरूरत है। अधिकारी जनता के साथ नम्र और अच्छा व्यवहार सुनिश्चित करें व केवल जनता के हित और इस्तेमाल को देखते हुए फैसले लें। नियमावली में कहा गया है कि इस सेवा के प्रत्येक सदस्य अपने कर्तव्य पालन के दौरान उच्च आचारनीति, ईमानदारी, राजनीतिक निष्पक्षता, सचाई, जवाबदेही और पारदर्शिता का पालन करेंगे और उत्कृष्टता को बढ़ावा देंगे।

व्यक्ति या संस्थान से न लें कोई आर्थिक सहयोग

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने जिस अखिल भारतीय सेवा (आचरण) संशोधन नियमावली, 2014 की अधिसूचना जारी की है उसमें अधिकारियों के लिए यह अनिवार्य बना दिया गया है कि उनके कर्तव्य निर्वहन से उनका कोई निजी हित जुड़ा हो तो उसे घोषित करें और जनहित की रक्षा के मार्ग में आने वाले विवादों के समाधान के लिए कदम उठाएं। यह भी कहा गया है कि अधिकारियों को ऐसे किसी व्यक्ति या संस्थान से कोई आर्थिक या अन्य एहसान नहीं लेना चाहिए जो उन्हें उनके काम को प्रभावित कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि लोक सेवक के रूप में कोई सदस्य अपने पद का दुरुपयोग नहीं करेगा और अपने, अपने परिवार या दोस्त को पैसे या सामान आदि से लाभ पहुंचे ऐसे फैसले नहीं लेगा।

बनाकर रखें गोपनीयता

इस नियमावली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) के अधिकारियों की यह अनिवार्य जिम्मेदारी हो गई है कि वे अपने कर्तव्य पालन के दौरान गोपनीयता को बनाए रखें। देश की एकता एवं अखंडता, सुरक्षा और रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों और दूसरे देशों से दोस्ताना रिश्तों को प्रभावित कर सकने वाली सूचनाओं को अपने तक बनाए रखें।

फैसले लेने की आजादी

ऐसी सूचनाएं जो किसी अपराध, गैरकानूनी या अवांछित लाभ के लिए प्रलोभन दें उनकी रक्षा की भी अधिकारियों जिम्मेदारी होगी। इससे पहले सिविल सेवा नियमावली में इन अधिकारियों के कर्तव्यों के बारे में विस्तार से चर्चा नहीं की गई थी। संशोधन के जरिये अधिकारियों को फैसले लेने और सुझाव देने की आजादी दी गई है।

नियमावली के कुछ खास बिंदु

- अच्च नैतिक मानकों का पालन।

- सत्यनिष्ठा एवं ईमानदारी से काम।

- जनता के साथ बेहतर तालमेल और बेहतर व्यवहार जरूरी।

- मौजूद संसाधनों का करें बेहतर इस्तेमाल।

- काम को लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता लाएं नौकरशाह

- अधिकारियों के कर्तव्य निर्वहन से उनका कोई निजी हित जुड़ा हो तो उसे घोषित करें।

- जनहित के लिए कार्यो में आ रही बाधाओं को दूर करें।

- किसी व्यक्ति विशेष या फिर संस्थान से आर्थिक मदद न लें।

- लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग न करें।

- गोपनीयता बनाकर रखें।

Source: Newspaper

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