काली मिर्च केवल आपके खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए ही नहीं है, एक नए शोध में पाया गया है कि इससे आंत के टयूमर को रोकने में भी मदद मिल सकती है।
चूहों पर किए गए प्रयोग में देखा गया कि काली मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सेसिन नामक सक्रिय तत्व, आंत की कोशिकाओं में उत्तेजना पैदा करता है। इससे होने वाली क्रिया, अंतत: आंत के ट्यूमर को रोकने का काम करती है। आंत की कोशिकाओं पर पाए जाने वाले संवेदी तंतु टीआरपी कहलाते हैं।
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर एयाल राज के मुताबिक, कोशिकाओं में इस तरह होने वाले उद्दीपन उनके लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए, टीआरपी को पहले पेन रिसेप्टर कहा गया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में शोधों से स्पष्ट होगा कि टीआरपी1 और आंत के कैंसर में क्या संबंध है। शोध के नतीजों को जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
चूहों पर किए गए प्रयोग में देखा गया कि काली मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सेसिन नामक सक्रिय तत्व, आंत की कोशिकाओं में उत्तेजना पैदा करता है। इससे होने वाली क्रिया, अंतत: आंत के ट्यूमर को रोकने का काम करती है। आंत की कोशिकाओं पर पाए जाने वाले संवेदी तंतु टीआरपी कहलाते हैं।
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर एयाल राज के मुताबिक, कोशिकाओं में इस तरह होने वाले उद्दीपन उनके लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए, टीआरपी को पहले पेन रिसेप्टर कहा गया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में शोधों से स्पष्ट होगा कि टीआरपी1 और आंत के कैंसर में क्या संबंध है। शोध के नतीजों को जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
Source: Newspaper
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