शिव की नगरी काशी से जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी अब बाबा पशुपतिनाथ के दर पर पहुंचे हैं। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन कर रुद्राभिषेक किया। मंदिर में प्रधानमंत्री ने करीब एक घंटे तक पूजा-अर्चना की।
ये अजीब संयोग है कि आज श्रावण के आखिरी सोमवार के दिन काशी के विश्वनाथ मंदिर से लेकर काठमांडू के पशुपति नाथ मंदिर तक हर-हर भोले की आवाज गूंज उठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पावन अवसर पर बाबा पशुपति नाथ का रुद्राभिषेक कर उनकी पूजा की और 2500 किलोग्राम श्रीखंड चंदन भी चढ़ाया।
पशुपतिनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री की पूजा के लिए खास इंतजाम किये गए थे। उनकी पूजा के दौरान सुरक्षा कारणों से मंदिर को एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि अब प्रधानमंत्री के वहां से निकले के बाद मंदिर को आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब काठमांडू के बाहरी इलाके में बागमती नदी के तट पर स्थित इस मुख्य मंदिर में जाएंगे और वहां भी शिवलिंग का पंचामृत स्नान कराकर पूजा अर्जना करेंगे। उन्हें मुख्य पुरोहित गणेश भट्टा से प्रसाद मिलेगा जो दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। मंदिर में सदियों से दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से चार पुरोहित और एक मुख्य पुरोहित रखने की परंपरा है।
मोदी मुख्य मंदिर के दक्षिण में बासुकी मंदिर में भी प्रार्थना करेंगे। उनके यहां पहुंचने पर मंदिर के समीप के वेदविद्याश्रम के 108 युवा ब्राह्मण विद्यार्थी वैदिक मंत्रोच्चार कर उनका स्वागत करेंगे। गणमान्य अतिथियों के स्वागत में पारंपरिक नेवारी ड्रम धिमे और बांसुरी भी बजायी जाएगी।
पशुपतिनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण में सोमवार पावन समझा जाता है। भारत एवं नेपाल से करीब तीन लाख श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं। यह मंदिर दुनियाभर में शिव के अति महत्वपूर्ण मंदिरों में एक है और उसे यूनेस्को के धरोहर सूची में स्थान प्राप्त है।
ये अजीब संयोग है कि आज श्रावण के आखिरी सोमवार के दिन काशी के विश्वनाथ मंदिर से लेकर काठमांडू के पशुपति नाथ मंदिर तक हर-हर भोले की आवाज गूंज उठी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पावन अवसर पर बाबा पशुपति नाथ का रुद्राभिषेक कर उनकी पूजा की और 2500 किलोग्राम श्रीखंड चंदन भी चढ़ाया।
पशुपतिनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री की पूजा के लिए खास इंतजाम किये गए थे। उनकी पूजा के दौरान सुरक्षा कारणों से मंदिर को एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि अब प्रधानमंत्री के वहां से निकले के बाद मंदिर को आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब काठमांडू के बाहरी इलाके में बागमती नदी के तट पर स्थित इस मुख्य मंदिर में जाएंगे और वहां भी शिवलिंग का पंचामृत स्नान कराकर पूजा अर्जना करेंगे। उन्हें मुख्य पुरोहित गणेश भट्टा से प्रसाद मिलेगा जो दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। मंदिर में सदियों से दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से चार पुरोहित और एक मुख्य पुरोहित रखने की परंपरा है।
मोदी मुख्य मंदिर के दक्षिण में बासुकी मंदिर में भी प्रार्थना करेंगे। उनके यहां पहुंचने पर मंदिर के समीप के वेदविद्याश्रम के 108 युवा ब्राह्मण विद्यार्थी वैदिक मंत्रोच्चार कर उनका स्वागत करेंगे। गणमान्य अतिथियों के स्वागत में पारंपरिक नेवारी ड्रम धिमे और बांसुरी भी बजायी जाएगी।
पशुपतिनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण में सोमवार पावन समझा जाता है। भारत एवं नेपाल से करीब तीन लाख श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं। यह मंदिर दुनियाभर में शिव के अति महत्वपूर्ण मंदिरों में एक है और उसे यूनेस्को के धरोहर सूची में स्थान प्राप्त है।
Source: Newspaper
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