मुजफ्फरनगर [जासं]। सूबे के पुलिस मुखिया देवराज नागर ने मुजफ्फरनगर में हुए दंगे में कहीं न कहीं पुलिस की चूक मानी है। कहा कि देहात का माहौल काफी समय पहले से खराब करने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने जनपदवासियों से शांति की अपील है।
सोमवार को शाहपुर और फुगाना क्षेत्र का दौरा कर देर रात सिंचाई विभाग के डाक बंगले पर डीजीपी देवराज नागर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दंगे में कहीं न कहीं पुलिस की चूक शामिल है। कई स्थानों पर पुलिस न तो सही समय पर पहुंची और न ही उसकी कार्यशैली अच्छी रही। पिछले कई महीनों से देहात का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी। लोग छोटी-छोटी बातों को तूल दे रहे थे। कवाल का मामला कोई बड़ी घटना नहीं था, लेकिन शरारती तत्वों ने इसे तूल देकर इतना बड़ा कर दिया।
उन्होंने सात सितंबर की महापंचायत के बारे में कहा कि अधिकारियों को किसी भी तरह उस पंचायत को टालने के आदेश दिए गए थे, लेकिन यह नहीं हो सका। दोषी पाए जाने वाले कई पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, बाकी पर शीघ्र कार्रवाई तय है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कानून से ऊपर कोई नहीं है। दोषी चाहे कोई भी हो, कार्रवाई होगी। राशिद सिद्दीकी के सभा में मौजूद होने के बावजूद कार्रवाई न होने के सवाल पर कहा, एसएसपी व डीएम जांच के बाद कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। शासन या किसी आला पुलिस अफसर का कोई दबाव नहीं है। फर्जी नामजदगी पर उन्होंने कहा कि कोई भी निर्दोष जेल नहीं जाएगा। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस चौकियों की स्थापना कराई जाएगी। कई गांवों के पीड़ितों ने गांव लौटने की बात कही है। इसके चलते गांवों में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। डीजीपी ने नागरिकों से जनपद में आपसी भाईचारे और सौहार्द कायम रखने की अपील की है।
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