विक्रम चौहान, लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले में सौतेली मां के दबाव में पिता ने किशोरी शिखा को घर से निकाल दिया। उसने पिता से न तो घर में हक मांगा न खाना, बल्कि पढ़ाई के लिए जरूरत पूरी करने को कहा। इन्कार पर सामाजिक कार्यकर्ता के माध्यम से उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई। अधिकारियों ने उसके जुनून को देखते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की अनुशंसा की है।
शहर के टंगरा टोली में किराये के मकान में रहने वाले पाखर बॉक्साइट माइंस के मुंशी दीपक वर्मा की पहली पत्नी का 12 साल पहले देहांत हो गया था। उसे पहली पत्नी से चार बच्चे हैं, जिसमें शिखा सबसे छोटी है। दूसरी शादी के बाद सौतेली मां के तिरस्कार व प्रताड़ना से परेशान कक्षा नौ की छात्रा शिखा घर छोड़कर अपनी बहन के पास रामगढ़ चली गई। लेकिन बहन की खस्ता आर्थिक हालात के चलते वापस लौट आई। घर पहुंचने पर पिता ने उसे ठुकराकर बाहर निकाल दिया। शिखा ने सिर्फ पढ़ाई पूरी करने के लिए पिता से मदद मांगी। इन्कार पर वह सदर थाना पुलिस के पास गई, लेकिन पुलिस के टाल-मटोल करने पर वह निराश लौट आई। उसने दुर्गाबाड़ी लेन निवासी विधिक सेवा कार्यकर्ता सह मुस्कान महिला को-ऑपरेटिव सोसायटी की सचिव जरीना खातून के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगाई। नाबालिग को उपायुक्त एसबी बरवार व पुलिस अधीक्षक सुनील भास्कर ने उच्च शिक्षा के लिए पिता से हक दिलाने का भी आश्वासन दिया है।
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