नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को अपना जैविक पुत्र मानने से साफ इंकार कर दिया है।
करीब एक साल पहले हुए डीएनए जांच के बाद बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में तिवारी ने कहा कि उनका कभी भी रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से कोई संबंध नहीं रहा।यह पूरा मामला एक राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा है। हालांकि, डीएनए जांच रिपोर्ट में रोहित को तिवारी का जैविक पुत्र बताया गया है।
गौरतलब है कि रोहित ने 88 वर्षीय तिवारी को अपना जैविक पिता बताते हुए उनके खिलाफ वर्ष 2008 में मामला दायर किया है। कोर्ट द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर एसएम चोपड़ा के समक्ष दायर हलफनामे में तिवारी ने कहा है कि उज्ज्वला आज भी अपने पूर्व पति का उपनाम शर्मा ही इस्तेमाल करती हैं। उनका कभी भी उज्ज्वला से कोई संबंध नहीं रहा।
तिवारी ने जांच पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि डीएनए रिपोर्ट के परिणाम को सटीक नहीं माना जा सकता, क्योंकि खुद विज्ञान इस बात की पुष्टि करता है कि हजार या लाख में से किसी एक व्यक्ति का डीएनए आपस में मेल खा जाता है। ऐसे में उनके डीएनए का रोहित से मेल खाना महज एक संयोग है। साथ ही तिवारी ने कहा है कि रोहित की ओर से पेश किए गए फोटो सार्वजनिक जगहों पर विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान उनके साथ खिंचवाए गए हैं।
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