जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार के साथ चल रहे अपने संघर्ष में पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने अब आम आदमी का हथियार आरटीआइ उठा लिया है। उन्होंने कहा है कि अब वे अपने खिलाफ सवाल खड़े करने वाली सेना की रिपोर्ट को हासिल करने के लिए सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन करेंगे। आम तौर पर ऐसी गुप्त आंतरिक रिपोर्ट आरटीआइ के तहत उपलब्ध नहीं कराई जाती।
जनरल सिंह ने इस पूरे मामले को अपने खिलाफ साजिश करार देते हुए कहा है कि वे अपने आप को सही साबित करने के लिए अंतिम तक लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने आरटीआइ के जरिये सेना में अपने कार्यकाल पर सवाल खड़े कर रही लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया की रिपोर्ट मांगने का मन बनाया है। जनरल का यह आवेदन उन्हें वास्तव में यह रिपोर्ट भले नहीं दिलवाए लेकिन इस मामले में खुद को साजिश का शिकार साबित करने की कोशिश में जरूर मददगार होगा। सिंह का कहना है कि यह रिपोर्ट चूंकि उन्हीं से जुड़ी है और मीडिया तक को उपलब्ध कराई जा चुकी है, इसलिए उन्हें जरूर मिलनी चाहिए। ऐसे में सरकार ने अगर रिपोर्ट के गोपनीय होने का हवाला देकर उन्हें यह साझा करने से मना भी कर दिया तो वे एक बार फिर से सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर पाएंगे।
सैन्य अभियान महानिदेशक विनोद भाटिया के नेतृत्व में तीन सदस्यों के बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स ने अपनी रिपोर्ट में जनरल सिंह के कार्यकाल में बने टेक्निकल सपोर्ट डिवीजन (टीएसडी) के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। सिंह का कहना है कि बदले की मंशा से सरकार उन पर बेबुनियादी आरोप लगा रही है।
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