नई दिल्ली। जनलोकपाल कानून बनाने के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए ऐतिहासिक आंदोलन से चमके अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में चर्चा में हैं। आम आदमी पार्टी (आप) बनाकर राजनीतिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का वादा कर चुनाव मैदान में उतरे केजरीवाल ने वरिष्ठ संवाददाता आशुतोष झा से चुनावी रणनीति पर खुलकर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश :-
1- माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी भाजपा के वोट काटेगी, जबकि कुछ लोग इसके कांग्रेस के वोट काटने का अनुमान लगा रहे हैं। आप क्या कहते हैं?
-हम चुनाव मैदान में उतरे हैं तो किसी न किसी का वोट तो कटेगा ही। हमारे सर्वे की अब तक आई रिपोर्ट के अनुसार हम भाजपा के 26 फीसद तथा कांग्रेस के 37 फीसद वोट काट रहे हैं। चुनाव में अभी कम से कम दो महीने की देरी है। इससे पहले हमारे कार्यकर्ता मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं
2- यदि आपकी पार्टी जीतती है, तो क्या एकमात्र आप ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं या पार्टी में और लोग भी इसके योग्य हैं?
-यह फैसला चुनाव नतीजे आने के बाद होगा। हम लोग भ्रष्ट सिस्टम में सुधार के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। अभी टीम का पूरा फोकस अधिक से अधिक लोगों से संपर्क कर लोगों को अपने पक्ष में करने का है। चुनाव में हमारी झोली में ज्यादा सीटें आएं यही हम लोगों की कोशिश है। फैसला हमारे पक्ष में हुआ तो सर्वसम्मति से लिया गया फैसला ही मान्य होगा।
3- भाजपा और कांग्रेस जैसी मजबूत नेटवर्क वाली पार्टियों का मुकाबला कैसे करेंगे?
-मुकाबला कर रहे हैं। इन पार्टियों की तरह हमारे पास चुनाव में खर्च के लिए करोड़ों रुपये नहीं हैं मगर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का जो भी सरल जरिया है हमलोग उसके अनुरूप काम कर रहे हैं। बात रही लोगों की तो जिनसे हम संपर्क कर रहे हैं उन्हें अपनी इच्छानुसार पार्टी को सहयोग देने की भी बात कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दिल्ली के पॉश इलाकों वसंतकुंज, साकेत, हौजखास आदि में सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी सुबह-शाम आप के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं।
4- कई सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आपकी पार्टी छह-सात सीटों से ज्यादा नहीं हासिल कर पाएगी, ऐसे में यदि समर्थन देने की जरूरत पड़ी तो कांग्रेस व भाजपा में किसे चुनेंगे?
-मैं इन सर्वे रिपोर्ट को नहीं मानता हूं। यह सर्वे पार्टी विशेष को आगे दिखाने के लिए कराया गया है। कुछ ही दिनों के अंतराल पर आधे दर्जन चैनलों पर सर्वे दिखाने का क्या मतलब है? हमारे लिए भी जिस संस्था ने सर्वे किया उसका पूरा ब्यौरा हमलोगों ने सार्वजनिक कर दिया है। इससे कोई भी सर्वे की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकता है। यही बात हमने टीवी चैनलों के लिए सर्वे करने वालों को करने के लिए कही तो वो ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। जहां तक पार्टी को कम सीटें मिलने का सवाल है तो तब भी हमारी पार्टी किसी भी दल के साथ समझौता नहीं करेगी।
5- कांग्रेस व भाजपा दोनों के लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि आपकी पार्टी में किसी को भी सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। आप इस बारे में क्या कहते हैं?
-आंदोलन से लेकर पार्टी का गठन कर राजनीति में उतरने का जो भी निर्णय लिया, नतीजा आप सबके सामने हैं। सरकार चलाने के लिए अनुभव नहीं नैतिकता और सिर्फ जनहित के लिए कार्य करने की दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है।
6-दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का शीला तथा भाजपा का मोदी फैक्टर काम करेगा?
-मुझे लगता नहीं नरेंद्र मोदी का फैक्टर चलेगा। आज एक आम आदमी भ्रष्टाचार मुक्त शासन चाहता है। जिस शख्स के बारे में लोगों की जो राय बनेगी, वही चुनाव के नतीजे के रूप में सामने आएगा।
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