नई दिल्ली। जम्मू के कठुआ और सांबा में हुए आतंकी हमले की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। अमेरिका गए पीएम ने इस हमले को शांति वार्ता में बाधा पहुंचाने की कोशिश बताया है। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसे शांति प्रक्रिया की आड़ में आतंकी कार्रवाई जारी रखने की साजिश करार दिया है।
घटना के बाद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस हमले में शहीद हुए लोगों की जानकारी ली है। भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच होने वाली वार्ता को रोक देने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से वार्ता करने की बहुत जल्दी है।
उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में भारतीय जवानों के सिर कलम करने की घटना के बाद सदन में कहा था कि वह तब तक पाक से वार्ता नहीं करेंगे जब तक पाक इस तरह की घटनाओं को बंद नहीं कर देता है।
दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बातचीत जारी रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बातचीत से ही कोई समाधान निकाला जा सकता है। रक्षा विशेषज्ञों की राय में इस हमले के बाद भारत को पाक से कोई बात नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस के राशिद अल्वी ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि भारत पाकिस्तान से दोस्ताना संबंध चाहता है, लेकिन हमलों में मासूमों की मौत की कीमत पर यह मंजूर नहीं किया जा सकता है।
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