नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आज सबको चौका दिया। बाजार ने जो सोचा था वो नहीं हुआ। इस बार भी उद्योग जगत खाली हाथ रह गया। रघुराम राजन की पहली मौद्रिक नीति की बैठक और पहली बार में ही ब्याज दरों में इजाफा करने का ऐलान। देश भर का उद्योग जगत यही सोच रहा था कि आज उन्हें ब्याज दरों में कटौती का तोहफा मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे एक बार फिर सभी प्रकार के कर्ज महंगे होने का खतरा बढ़ गया है। अब आपको अपने होम लोन, कार लोन आदि के लिए पहले से ज्यादा ईएमई देनी हो सकती है।
रघुराम राजन ने अपनी पहली मौद्रिक नीति पेश कर दी है। आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी (एमएसएफ) रेट 0.75 फीसद घटाया है। अब एमएसफ रेट 9.5 फीसद हो गया है। बैंक रेट भी घटकर 9.5 फीसद हो गया है। हालांकि, आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसद बढ़ाया है, जिसकी बाजार को उम्मीद नहीं थी। अब रेपो रेट 7.5 फीसद हो गया है।
वहीं, रिवर्स रेपो रेट 6.5 फीसद हो गया है। सीआरआर बिना बदलाव के 4 फीसद पर स्थिर है। वहीं, आरबीआई ने सीआरआर की रोजाना सीमा 99 फीसद से घटाकर 95 फीसद की है।
आरबीआई का कहना है कि मौजूदा कारोबारी साल के बाकी महीनों में थोक महंगाई अनुमानित दर से ज्यादा रहने की संभावना है। वहीं, रिटेल महंगाई दर कई सालों से ऊंची स्तर पर बनी हुई है। उचित कदम न उठाए जाने पर महंगाई में और उछाल आने की आशंका है। बेहतर मानसून रहने के बावजूद बढ़ती महंगाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
देखें आरबीआई ने क्या किया- रेपो रेट 0.25 फीसद बढ़ाकर 7.50 फीसद किया।
- रिवर्स रेपो रेट 6.5 फीसद हो गया है।
- सीआरआर बिना बदलाव के 4 फीसद पर स्थिर है।
- सीआरआर की रोजाना सीमा 99 फीसद से घटाकर 95 फीसद की है।
- एमएसएफ रेट 0.75 फीसद घटाया है। अब एमएसफ रेट 9.5 फीसद हो गया है।
- बैंक रेट भी घटकर 9.5 फीसद हो गया है।
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