जागरण संवाददाता, कुशीनगर। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार के पुलिस वाले कितने संगदिल हैं। इसका उदाहरण है यह रेप केस। रेप केस का निपटारा करने की बजाय ये पीडि़ता का ही मजाक बनाने की कोशिश करते हैं। एक रेप पीड़िता अपनी फरियाद लेकर जब उनके पास पहुंची तो थानेदार ने कहा-कपड़े खोलकर दिखाओ, कहां हुआ है रेप।
पीड़िता का आरोप है कि उसके घर में घुसकर पड़ोस के एक लड़के ने रेप किया और गांव के लोगों ने उस लड़के को पकड़कर पीटा और उसे थाने ले आई, लेकिन पुलिस ने उस लड़के पर कोई कार्रवाई नहीं की।
दूसरे दिन थानेदार ने पीड़िता को थाने में बुलाया और कहा कि कपड़े खोलकर दिखाओ, कहां हुआ है रेप। पीड़िता उलटे पांव भागकर अपने माता-पिता के पास आई और पूरी घटना बयां की। कई दिन बीतने के बाद जब बात मीडिया में आई तो सोमवार को पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा।
थानेदार जैसराज यादव जिसने पीड़िता को कपड़े उतारने के लिए कहा था, के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
क्या है मामला
कुशीनगर के थाना नेबुआ नौरंगिया के लौकरिया गांव की दसवीं की छात्रा का आरोप है कि वो शनिवार, 21 सितंबर को अपने घर में अकेले सो रही थी, तभी गांव का एक लड़का अनुल्लाह 11 बजे उसके घर में घुसा और उससे रेप किया। पीड़िता द्वारा शोर मचाने पर गांववालों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। लड़के को थाने ले जाया गया, लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने शिकायत ही नहीं की। गांव के चौकीदार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। थानेदार जैसराज यादव ने कहा कि मामला निराधार है।
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