Wednesday, 25 December 2013

Arvind kejriwal will take oath on 28 December



नई दिल्ली [जासं]। दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईमानदार अफसरों का आह्वान करते हुए कहा है कि वह आगे आएं और हमसे संपर्क करें। हमें ईमानदार लोगों की जरूरत है।

केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मेट्रो सेवा का विस्तार होना चाहिए। 'आप' की सरकार बनने के बाद इस काम में तेजी लाई जाएगी। एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस का कोई विधायक उनके संपर्क में नहीं है, बस मेरे विधायक ही मेरे संपर्क में हैं। दूसरी, तरफ आज दोपहर एक बजे केजरीवाल के घर पर आप नेताओं की बैठक होनी है, जिसमें विभागों के बंटवारे पर चर्चा की जाएगी।
वहीं, केजरीवाल मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल होने जा रहे मनीष सिसोदिया ने कहा है कि हम किसी के साथ मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं। हमारी अल्पमत सरकार होगी और हम जनता से पूछकर सरकार बनाने जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में सिसोदिया ने कहा कि तेज चलने वाले बिजली मीटरों की जांच होगी। इसके साथ ही कंपनियों के मुनाफे का ऑडिट कराया जाएगा ताकि बिजली का दाम 50 फीसद कम किए जा सके। पानी के मुद्दे पर सिसोदिया ने फिर स्पष्ट किया कि दिल्लीवासियों को 700 लीटर प्रतिदिन पानी खर्च करने के लिए कोई बिल नहीं देना पड़ेगा।
उधर, शपथ ग्रहण में अन्ना हजारे के आने पर सस्पेंस बरकरार है। अन्ना ने कहा कि मेरी सेहत अभी ठीक नहीं है। मैं केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने से खुश हूं। मेरा आशीर्वाद पहले भी था और आगे भी बना रहेगा। गौरतलब है कि केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े और किरण बेदी को निमंत्रण भेजा है। इसके अलावा समारोह में हिस्सा लेने के लिए किसी व्यक्ति विशेष को पार्टी की ओर से न्योता नहीं भेजा जाएगा। इसमें हर आम आदमी आ सकता है।

गौरतलब है कि केजरीवाल शनिवार, 28 दिसंबर को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दोपहर 12 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में उपराज्यपाल नजीब जंग केजरीवाल व उनके मंत्रिमंडल में शामिल छह मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। एक जनवरी को विधानसभा सत्र आहूत किया गया है और तीन को केजरीवाल सदन का विश्वास हासिल करेंगे। 

इससे पहले, गाजियाबाद के कौशांबी स्थित पार्टी मुख्यालय में बुधवार को हुई बैठक के बाद केजरीवाल ने मंत्री पद को लेकर पार्टी में किसी प्रकार के मतभेद से इन्कार किया। मंगलवार देर शाम आप विधायक विनोद कुमार बिन्नी की नाराजगी से पार्टी में चिंता पैदा हो गई थी। इसके बाद पूरी रात उनकी मान-मनुहार की गई, तब स्थिति सामान्य हुई और बिन्नी ने कहा, पार्टी जो कहेगी-वह करूंगा। केजरीवाल ने कहा कि आप ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया है। कांग्रेस का समर्थन 18 सूत्रीय एजेंडे पर है जो उसके पास पत्र की शक्ल में भेजा गया था। केजरीवाल ने संकेत दिया कि पदभार संभालने के फौरन बाद पार्टी के मुख्य वादों को पूरा करने के लिए घोषणाएं की जाएंगी। इन वादों में बिजली के बिलों में कटौती और निजी बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट कराने के निर्देश देना शामिल होगा।

सरकार बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने के बाद सोमवार को केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर दिल्ली में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने संस्तुति के लिए पत्र राष्ट्रपति को भेज दिया था। बुधवार सुबह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आप की ओर से सरकार बनाने के लिए दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

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