Sunday, 29 December 2013

Is Kallis even greater than Sachin Tendulkar




(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। जब भी क्रिकेट इतिहास के बारे में चर्चा होगी तो 2013 को शायद ही कोई कभी भूल सकेगा। आखिर ये वो साल जो रहा जब क्रिकेट के दो महानतम खिलाड़ियों ने मैदान को अपने-अपने अंदाज में अलविदा कह दिया। एक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा तो दूसरे ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर अपने पूर्ण संन्यास की राह को तय कर दिया। हम बात कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका के महानतम ऑलराउंडर जैक्स कैलिस और क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाज सचिन रमेश तेंदुलकर की। दोनों ने विदाई के लिए यही साल चुना, ऐसे में ये सवाल अब हमेशा जिंदा रहेगा कि सचिन और कैलिस में कौन था ज्यादा महान क्रिकेटर...?

आमतौर पर जब किसी से ये सवाल पूछा जाता है तो जवाब यही मिलता है कि दोनों की अपनी खूबियां रही, और दोनों ही अपनी-अपनी टीम के लिए क्रिकेट के बादशाह रहे..लेकिन फिर भी सवाल जगजाहिर है कि इन दोनों की टक्कर में आखिर कौन था सर्वश्रेष्ठ? आइए दोनों खिलाड़ियों के कुछ खास पहलुओं पर गौर फरमाते हैं जो काफी हद तक ये स्पष्ट करने जरूर हो जाएगा कि महान जरूर दोनों थे लेकिन कहीं ना कहीं ये क्रिकेट की सबसे बड़ी बहस बन सकती है।

1. सचिन तेंदुलकर (भारत): 

इस महान क्रिकेटर ने अपने करियर में बल्ले से वो सभी चीजें हासिल की जिसकी कामना कोई भी क्रिकेटर रखता होगा। कागजों पर शायद उनसे बेहतर ना तो कोई था और ना ही आगे कोई हो सकेगा। 24 सालों के करियर के रिकॉर्ड 200 टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड 15,921 रन और रिकॉर्ड 51 शतक, वनडे में रिकॉर्ड 463 मैचों में रिकॉर्ड 18,426 रन और रिकॉर्ड 49 शतक। ये वो विशालकाय आंकड़े हैं जो एक बेहतरीन क्रिकेटर, एक महानतम क्रिकेटर का स्तर बयां करते हैं। शांत स्वभाव और बल्ले से बोलने वाले इस खिलाड़ी ने जितनी लोकप्रियता मैदान में रहकर कमाई उतना ही विवादों से दूर रहकर, मैदान से बाहर भी। भारतीय क्रिकेट के साथ-साथ दुनिया के करोड़ों क्रिकेट फैंस ने उन्हें इस खेल के भगवान का दर्जा दिया और वो ऐसी विदाई लेकर गए जिसका सपना देखते-देखते खिलाड़ियों के करियर समाप्त हो गए। 

2. जैक्स कैलिस (दक्षिण अफ्रीका): 

सचिन तेंदुलकर ने बेशक बल्ले से कई कीर्तिमान बनाए हों, बेशक कई बार उन्होंने ऐसे इतिहास रचे जिससे भारत और दुनिया के तमाम खेल प्रेमियों ने उन्हें सलाम किया, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम में एक खिलाड़ी ऐसा था जो बिना ज्यादा फोकस, बिना ज्यादा लाइम लाइट के हमेशा फैंस के दिल में जगह बनाता गया और जाते-जाते भी महानता का अहसास करा गया। नाम है जैक्स कैलिस। इस 38 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ डरबन टेस्ट से जब संन्यास का ऐलान किया तब भी वो ढलते नहीं दिखे और तकरीबन 20 साल के करियर के बाद भी जाते-जाते अपना 45वां शतक लगाकर पवेलियन लौटे। कुछ लोग कैलिस को सबसे महान क्रिकेटर के तौर पर इसलिए तरजीह देते हैं क्योंकि उन्होंने मैदान के हर डिपार्टमेंट में अपना योगदान दिया और सर्वश्रेष्ठ स्तर पर दिया। उन्होंने 166 टेस्ट मैचों में 13,289 रन बनाए, डरबन टेस्ट की पहली पारी तक उन्होंने 292 विकेट भी लिए, यही नहीं, फील्डिंग में भी वो अव्वल रहे और 200 कैच लेकर कैच लेने के मामले में दुनिया के दूसरे नंबर के टेस्ट खिलाड़ी बने। इसके अलावा 325 वनडे मैचों में 17 शतक के साथ 11,574 रन तो बनाए ही, साथ ही यहां भी 273 विकेट लिए और 129 कैच लपके, वहीं उनका वनडे का करियर अब भी बाकी है और 2015 विश्व कप खेलना उनका लक्ष्य है। ना जाने तब तक ये खिलाड़ी और क्या-क्या रिकॉर्ड अपने नाम करेगा। जो भी हो लेकिन हर डिपार्टमेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना और लगातार ऐसा करना हर खिलाड़ी के बस की बात नहीं होती।

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